यह सच है कि जैसे-जैसे मिर्च की घरेलू मांग बढ़ेगी तो इसकी कीमतों में भी उछाल आता जाएगा। इन दिनों उन किसानों को मिर्च की कम पैदावार के बाद भी खासा लाभ मिल सकता है जिन्होंने इसकी खेती की है। किसानों के अलावा व्यापारी भी मिर्च का स्टॉक करने में जुट गए हैं। चूंकि अभी मिर्च की नई फसल आने में काफी देरी है इसलिए किसानों को चाहिए कि वे उचित समय देख कर मिर्च का बेचान करना शुरू कर दें।
दलाल का अर्थ , मतलब हिंदी में | Dalal Meaning in Hindi
दलाल नाम का मतलब " एजेंट " होता है | दलाल एक बहुत ही अच्छा और खूबसूरत नाम है जिसे काफी लोग पसंद करते हैं। आप भी अपने बच्चे का नाम दलाल रख सकते हैं क्योकि यह एक बहुत अच्छा नाम है और इसका काफी महत्व भी है। नाम का मतलब का असर आप अपने बच्चे के स्वभाव में देख सकते हैं। जैसा की दलाल नाम का अर्थ " एजेंट " है और इसका असर आप इस नाम वाले व्यक्ति के स्वभाव में भी देख सकते हैं | निचे दलाल नाम के ज्योतिष अंक और ज्योतिष अंक के अनुसार दलाल के आचरण और सवभाव के बारे में विस्तार से बताया गया है।
ज्योतिष अंक 3 के अनुसार , दलाल सामाजिक , कलात्मक और अपने भविष्य को दलाल सर्वश्रेष्ठ हैं लेके काफी अग्रसर हैं। दलाल नाम के लोग काफी आविष्कारशील और रचनात्मक होते हैं और वो जिंदगी को बहुत ही खूबसूरत तरीके से आनंद लेते हुवे जीने में विश्वाश रखते हैं।
प्रवर्तन निदेशालय ने शेयर दलाल और वित्तीय सेवा कम्पनियों के कार्यालयों और आवासीय परिसरों में 16 स्थानों पर छापे मारे
प्रवर्तन निदेशालय ने चेन्नई, मुम्बई और दिल्ली में शेयर दलाल और वित्तीय सेवा कम्पनियों के कार्यालयों और आवासीय परिसरों में 16 स्थानों पर छापे मारे हैं। जांच से पता चला है कि इन कम्पनियों के निदेशकों और लाभ प्राप्तकर्ताओं ने एक सौ 60 करोड रूपये मूल्य के शेयर, बाजार के बाहर भेज दिये और बाद में बड़ा फायदा लेने के लिए इन्हें बेच दिया। छापेमारी में एक करोड़ रूपये से ज्यादा की नकदी और सोने तथा हीरे के आभूषण जब्त किये गये हैं। छापेमारी में 30 करोड रूपये से ज्यादा मूल्य की अचल सम्पत्ति और विभिन्न डी-मैट खातों में चल सम्पत्ति का भी पता चला है।
नवरात्र स्पेशल: इस शहर में होता हैं देश का सबसे बड़ा लाल चुनरी का कारोबार, जानिए सबकुछ
- News18Hindi
- Last Updated : October 19, 2020, 12:40 IST
नई दिल्ली. नवरात्र के दौरान जो सबसे पहली तैयारी शुरु होती है वो है माता की लाल चुनरी की. कोई नवरात्र से दो महीने पहले ही ऑर्डर देकर चुनरी तैयार कराता है तो कोई व्रत से एक रात पहले बाज़ार जाकर अपनी हैसियत की चुनरी खरीद लाता है. कीमत बेशक अलग-अलग हों लेकिन श्रद्धा एक जैसी ही होती है. लेकिन क्या आपको पता है कि देश ही नहीं विदेशों में भी लाल चुनरी और माता रानी को पहनाई जाने वाली पोशाक यूपी के एक छोटे से शहर वृंदावन में तैयार होती हैं. यह छोटा सा शहर 5 रुपये से लेकर 20-25 हज़ार रुपये की कीमत वाली चुनरी तैयार करता है. अकेले नवरात्र में चुनरी और पोशाक का करोड़ों रुपये का कारोबार है.
इन राज्यों में पैदा होती हैं सबसे ज्यादा तीखी मिर्च
यूं तो मिर्च की खेती देश के प्राय: सभी राज्यों में की जाती है लेकिन अगर सबसे दलाल सर्वश्रेष्ठ हैं तीखी मिर्च की बात की जाए तो यह भारत के गिने-चुने राज्यों में ही होती है। बता दें कि तीखी मिर्च की खेती असम और उत्तरी पश्चिम क्षेत्र में होती है। इस मिर्च का नाम है भूत झोलकिया। यह मिर्च इतनी तीखी होती है कि जीभ पर इसका स्वाद लगते ही व्यक्ति को चक्कर आने लगते हैं और आंखों में तेज जलन होती है। भूत झोकलिया मिर्च के बारे में कई रोचक बाते हैं। इसका नाम गिनीज बुक दलाल सर्वश्रेष्ठ हैं वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज है। बताया जाता है कि अन्य मिर्चों के मुकाबले इसका तीखापन 400 गुना ज्यादा होता है। इस मिर्च को भूत काली मिर्च, घोस्ट चिली, घोस्ट पेपर, नागा झोकलिया आदि नामों से भी जाना जाता है। इसकी फसल 75 से 90 दिनों में तैयार होती है। इसकी लंबाई अधिकत 3 इंच तक होती है।
सुरक्षा बलों में भी होता है भूत झोलकिया का इस्तेमाल
बता दें कि विश्व की सबसे तीखी मिर्च भूत झोकलिया का इस्तेमाल भारत के सुरक्षा बलों द्वारा किया जाता है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने भूत झोकलिया से मिर्च स्प्रे तैयार किया। सुरक्षा बल उपद्रवियों के खिलाफ इस मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल करते हैं। वहीं महिलाओं की सुरक्षा के भी इस तीखी मिर्च का स्प्रे काम आता है। भूत झोकलिया मिर्च पर डीआरडीओ भी परीक्षण कर रहा है।
बता दें कि इस बार कपास की फसल में अत्यधिक बारिश होने से पिंक बॉलवर्म नामक कीट का ज्यादा हमला हुआ। इससे कपास की फसल का कुल उत्पादन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। हरियाणा में कपास की 50 से 70 प्रतिशत तक फसल नष्ट हो गई। इसके बावजूद किसानों के पास सुनहरा मौका है। कम उपज के कारण कपास के भाव अच्छे हैं। वहीं कपास की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी सरकार ने घोषित कर दिया है। यह 5925 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। इससे किसानों को कपास के बाजार भाव और भी ज्यादा मिल रहे हैं। बता दें कि हरियाणा के सिरसा जिले में व्यापारी कपास की 9700 रुपये प्रति क्विंटल तक कीमत दे रहे हैं।
वार्म कम्प्रेस
एक टॉवेल को कुनकुने पानी में भिगोएं और उसे निचोड़ लें। आंखे काफी संवेदनशील होती हैं, इसलिए तापमान सामान्य रखें। 10-15 मिनिट के लिए टॉवेल को अपनी आंखों पर रखें। गर्मी से रक्त का संचार चालू हो जाएगा। इससे सूजन और खुजली से आपको आराम मिलेगा।
अगर वार्म कम्प्रेस से समस्या दूर नहीं हो रही तो आप कूल कम्प्रेस को आजमा सकते हैं। ठंडे पानी में टॉवेल को डुबोएं और निचोड़ लें। ध्यान रखें, पानी अधिक ठंडा न हो, नहीं तो समस्या कम होने की बजाय बढ़ जाएगी। इससे थोड़े समय के लिए लक्षणों में आराम मिल जाएगा।
आर्टिफिशियल टियर्स
ये आंखों को ल्युब्रिकेट करते हैं और इन्हें साफ रखने में सहायता करते हैं। लेकिन इनका इस्तेमाल डॉक्टर से पूछकर ही करें। अगर इसे ठंडे रूप में इस्तेमाल करने के लिए कहा जाए तो इसे फ्रिज में रखकर इस्तेमाल करें।
अगर आप लंबे समय से आंखे लाल होने की समस्या से जूझ रहे हैं और कांटेक्ट लेंस लगाते हैं तो इनके इस्तेमाल करना बंद कर दें। किसी अच्छे नेत्र रोग विशेषज्ञ को दिखाने के बाद ही इनका इस्तेमाल दोबारा शुरू करें।
दवाईयां
अगर एलर्जी के कारण यह समस्या हो रही है तो एंटीहिस्टामिन या कार्टिसोन आई ड्रॉप्स और आई जेल दिया जाएगा। बैक्टीरिया का संक्रमण (कंजक्टिवाइटिस) होने पर एंटीबायोटिक्स दिए जाएंगे। सूजन को कम करने के लिए डॉक्टर स्टेरॉइड प्रिस्कराइब कर सकता है।
अगर ग्लुकोमा या ट्युमर विकसित होने के कारण यह समस्या हो रही है तो उसका उपचार किया जाएगा।
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