wazirx: भारत के इस 36 साल के कोडर ने कैसे बनाया सबसे बड़ा क्रिप्टो ट्रेडिंग एक्सचेंज
Binance के बॉस ने कहा क्रिप्टो कारोबार के लिए भारत में स्थितियां अनुकूल नहीं
क्रिप्टो एक्सचेंज बिनांस (crypto exchange Binance) के को-फाउंडर और सीईओ चांगपेंग झाओ (Changpeng Zhao) ने कहा है कि उनको वर्तमान में भारत में क्रिप्टो मार्केट के लिए कोई बड़ी संभावना नजर नहीं आ रही है। उन्होंने आगे कहा "मुझे नहीं लगता है कि भारत में बहुत अच्छा क्रिप्टो फ्रेंडली माहौल है"। बता दें कि चांगपेंग झाओ को क्रिप्टो इंडस्ट्री का सबसे प्रभावशाली व्यक्तित्व माना जाता है। उन्होंने ये बातें TechCrunch क्रिप्टो क्रॉन्फ्रेंस के दौरान कही।
झाओं की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब क्रिप्टो बाजार बिनांस के प्रतिद्वंदी FTX के ढ़हने के दर्द से गुजर रहा है। यह क्रिप्टो इंडस्ट्री के किसी दिग्गज द्वारा आया अपनी तरह की पहला सार्वजनिक बयान है। गौरतलब है कि भारत की क्रिप्टो इंडस्ट्री सरकार के टैक्स और रेगुलेटरी रूल्स के अनिश्चितता से लगातार दबाव में है। गुरुवार को झाओ ने भारत में क्रिप्टो कारोबार पर लगने वाले टैक्स पर भी टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि “भारत में क्रिप्टोकारोबार पर लागू भारी टैक्स ने ग्लोबल कंपनियों के लिए भारत में कारोबार करना मुश्किल बना दिया है।”
Binance : क्यों फ्रॉड के गंभीर आरोपों में फंसा है यह बड़ा Crypto Exchange? जानिए पूरा मामला
Binance पर दुनियाभर में कई नियामक संस्थाओं की टेढ़ी नजर है.
दुनिया का बड़ा क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज Binance (Binance Fraud) विवादों में फंसा हुआ है. कंपनी ने जर्मनी, इटली और नेदरलैंड्स सहित कई यूरोपीय देशों में अपने फ्यूचर और डेरिवेटिव्स प्रॉडक्ट की सेवाएं देना बंद कर दिया है. कंपनी का कहना है कि वो क्रिप्टो नियमों से सामंजस्य बिठाने (harmonising crypto rules) के लिए कुछ सक्रिय कदम उठा रही है. इस कदम का मतलब है इन देशों में बाइनेंस के यूजर्स नए फ्यूचर्स और डेरिवेटिव्स प्रॉडक्ट के अकाउंट नहीं खोल पाएंगे. लेकिन ऐसे वक्त में जब क्रिप्टो का मार्केट तेजी से बढ़ रहा है और कंपनी का बिजनेस फैल रहा है, बाइनेंस ऐसा बड़ा कदम क्यों उठा रहा है? और दुनिया भर में नियामक संस्थाओं की इसपर टेढ़ी नजर क्यों है?
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बता दें कि कुछ देशों ने बाइनेंस को बैन कर दिया है, वहीं कुछ ने इसके ऑपरेशन बंद करवा दिए हैं. वहीं, कुछ ने चेतावनी दी है कि एक्सचेंज उनकी सीमा में रहकर अपने 'अवैध' काम न करे. यहां तक कि भारत में भी बाइनेंस के स्वामित्व वाला क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज WazirX भी मनी लॉन्डरिंग के आरोपों को लेकर प्रवर्तन निदेशालय के राडार के नीचे चल रहा है. इस एक्सचेंज पर आरोप हैं कि चीन स्थित कुछ बेटिंग ऐप्स यानी सट्टा लगाने वाले ऐप्स 2023 में Binance ट्रेडिंग कैसे शुरू करें ने WazirX के जरिए कुछ मनी लॉन्ड्री की थी. हालांकि, इस एक्सचेंज ने कहा है कि वो सभी नियम-कानूनों के तहत ही अपने ऑपरेशन चला रहा है.
इसके अलावा यूनाइटेड किंगडम में शीर्ष के कुछ बैंक और पेमेंट प्लेटफॉर्म्स ने बाइनेंस पर अपने ट्रांजैक्शन सीमित करने शुरू कर दिए हैं. इसके पीछे बाइनेंस में 'फ्रॉड रेट ज्यादा होने' का डर बताया गया है. बाइनेंस की नियामक संस्थाओं को मनाने की कोशिशों की बावजूद उसे टेस्ला और Coinbase के स्टॉक टोकन की ट्रेडिंग को रोकना पड़ी है.
कैसे शुरू हुआ वजीरएक्स
निश्चल शेट्टी ने साल 2017 में बिटक्वाइन (Bitcoin) में निवेश करने की कोशिश की। शेट्टी ने कहा, "उस वक्त मैं एक भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज पर गया, लेकिन वह प्लेटफाॅर्म इतना स्लो और जटिल था कि मुझे निवेश करने में हफ्ता लग गया। तब तक बिटक्वाइन की वैल्यू बढ़ चुकी थी और मैं निवेश नहीं कर पाया। उस वक्त मुझे एक आसान क्रिप्टो एक्सचेंज की जरूरत महसूस हुई।" इसके बाद शेट्टी ने अपने कुछ जानकारों को इसके बारे में बताया और इस पर काम शुरू कर दिया। शेट्टी ने 10 लोगों की एक टीम बनाई और फिर 2 महीने में वजीर एक्स तैयार हो गया। धीरे-धीरे wazirx को यूजर्स फ्रेंडली बनाया गया।
बाइनेंस को खरीदा
निश्चल शेट्टी का वजीर एक्स एक क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है जिसमें यूजर को बिटकॉइन, इथेरियम, लाइटकॉइन और रिपल्स जैसी लोकप्रिय क्रिप्टो करेंसी खरीदने, बेचने या ट्रेड करने का मौका मिलता है। शेट्टी ने वजीरएक्स की शुरुआत क्रिप्टो करेंसी में खुदरा निवेशकों की बढ़ती रुचि को देखते हुए की थी। लॉन्च होने के 2 साल से भी कम समय में वजीरएक्स ने बाइनेंस (Binance) का अधिग्रहण कर लिया। बाइनेंस (Binance) उस समय दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज थी।
सोशल मीडिया मैनेजमेंट
इसके बाद अप्रैल में निश्चल शेट्टी के वजीरएक्स की वैल्यू बिलियन डॉलर के करीब पहुंच गई। इसके बाद भी वजीरएक्स के संस्थापकों का कारोबार सोशल मीडिया बिजनेस के जरिए ही चलता रहा। शेट्टी ने कहा, "मेरे कारोबार की शुरुआत सोशल मीडिया मैनेजमेंट से हुई। अगर आपके पास टि्वटर, इंस्टाग्राम अकाउंट है तो आप इसे एक जगह से मैनेज कर सकते हैं।" साल 2010 में शेट्टी ने अपना पहला बिजनेस शुरू किया था। इसी साल उनकी कंप्यूटर साइंस की डिग्री पूरी हुई थी।
ब्लॉकचेन तकनीक पर काम
निश्चल शेट्टी ने पहले क्राउडफायर नाम से एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बनाने की कोशिश की। दुनिया में काम कर रही सोशल मीडिया कंपनियां एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (API) के जरिए थर्ड पार्टी डेवलपर को अपने जैसा कारोबार बनाने से रोकती हैं। इस वजह से शेट्टी और साथियों को लगा कि इस योजना में बदलाव करने की जरूरत है। शेट्टी ने कहा कि इस वजह से उन्हें कई फीचर को हटाना पड़ा जो उनके लिए कमाई के साधन थे। उसके बाद शेट्टी ने ब्लॉकचेन पर काम करना शुरू किया। यह एक बंटा हुआ डेटाबेस होता है जिसमें किसी सिंगल पार्टी या कंपनी का कंट्रोल नहीं होता।
WazirX बनाम Binance: जल्द शांत होता नहीं दिख रहा ये झगड़ा, जानिए नए अपडेट्स
- News18Hindi
- Last Updated : August 09, 2022, 11:01 IST
हाइलाइट्स
WazirX पिछले 2 वर्षों से अपने पूरे एसेट्स का मालिकाना हक देने से बच रही: बिनांस
बिनांस ने कहा- ED ने इस मामले में उनकी टीम से कोई संपर्क नहीं किया है.
यदि संपर्क किया जाएगा तो बिनांस की टीम ED की पूरी मदद करेगी: बिनांस
नई दिल्ली. दो क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों WazirX और Binance के बीच चल रहा झगड़ा खत्म होता नजर नहीं आ रहा है. हर दिन यह झगड़ा नए लेवल पर पहुंच जाता है. अब बिनांस के एक बड़े अधिकारी ने कहा है कि WazirX पिछले दो वर्षों से अपने पूरे एसेट्स का मालिकाना हक बिनांस को देने से बचती रही है.
मनीकंट्रोल हिन्दी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बिनांस की तरफ से कहा गया है कि वह भविष्य में WazirX के साथ किसी तरह का कोई संबंध नहीं रखेगा. विशेष तौर पर तब, जबकि वज़ीरएक्स के खिलाफ ED (प्रवर्तन निदेशालय) की जांच चल रही है. बिनांस का कहना है कि उसे मीडिया रिपोर्ट के जरिये ही ED की कार्रवाई के बारे में पता चला है और ED 2023 में Binance ट्रेडिंग कैसे शुरू करें ने इस मामले में उनकी टीम से कोई संपर्क नहीं किया है. यदि संपर्क किया जाएगा तो बिनांस की टीम ED की पूरी मदद करेगी.
तो क्या क्रिप्टो करेंसी लीगल हो गई?
बजट में हुए इस ऐलान के बाद ज्यादातर लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या सरकार ने डिजिटल करेंसी पर टैक्स लगा कर इसे लीगल कर दिया है? जवाब है- नहीं. इसे ऐसे समझिए, सरकार सिर्फ उस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लीगल यानी वैध मानती है, जिसे Reserve Bank of India-RBI जारी करता है या करेगा. मतलब अभी जो Bitcoin जैसी Crypto Currency हैं, वो वैध नहीं है. बजट भाषण के बाद पत्रकारों से सवाल-जवाब में वित्तमंत्री ने साफ किया कि क्रिप्टो की वैधता को लेकर सरकार में चर्चा जारी है लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क के बाहर जो भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, वे करेंसी नहीं हैं. अगर कोई आपसे कहे कि ये लीगल हो गई हैं तो जब तक सरकार नहीं कहती, मानिएगा नहीं. यहां पर गौर करने की बात ये भी है कि सरकार अप्रैल से शुरू होने वाले कारोबारी साल में अपनी डिजिटल करेंसी लाने की भी तैयारी में है जिसका जिक्र वित्तमंत्री ने अपने भाषण में किया. जाहिर है ये करेंसी पूरी तरह लीगल होगी.
वर्चुअल एसेट से वित्तमंत्री का मतलब क्या है?
आसान तरीके से समझें तो आप जो सोना खरीदते हैं या जो घर खरीदते हैं, वो आपकी Assets होती है. मतलब आपकी सम्पत्ति, ना कि ये करेंसी है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी और इस पर लोगों से टैक्स वसूला जाएगा. अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin, Ethereum, Tether, Ripple जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल माना गया है तो तकनीकी तौर पर बिल्कुल सही नहीं है. हालांकि, लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.
सरकार के प्रतिनिधियों ने ये भी बताया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन साल 2017 से ही सरकार के राडार पर है. इस पर टैक्स लगाने से सरकारी खजाने में मोटी रकम पहुंचनी तय है. अभी अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, Netherlands और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) पर वहां की सरकारें टैक्स लगाती हैं. सरकार के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह ये हो सकती है कि, हमारे देश में जितने लोगों ने CryptoCurrency में निवेश किया है, वो देश की आबादी का लगभग 8% हैं. RBI के आंकड़ों के मुताबिक, इन लोगों ने अपने 70 हजार करोड़ रुपए इस समय ऐसी Virtual Currency में लगाए हुए हैं. पूरी दुनिया में CryptoCurrency में ट्रेड करने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. सरल शब्दों में कहें तो ये 30 प्रतिशत टैक्स, सीधे तौर पर 70 हजार करोड़ रुपए के निवेश को एक गारंटी देगा और हो सकता है कि भारत में इसका इस्तेमाल बढ़ जाए.
गिफ्ट पर भी लगेगा टैक्स, ऐसे होगा कैलकुलेट
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने वर्चुअल एसेट्स (Virtual Assets) के ट्रांजैक्शन से हुई कमाई पर 30% टैक्स लगाने का 2023 में Binance ट्रेडिंग कैसे शुरू करें प्रस्ताव किया. क्रिप्टोकरेंसी गिफ्ट करने को भी ट्रांजेक्शन माना जाएगा. मतलब अगर आप क्रिप्टोकरेंसी किसी को गिफ्ट में देते हैं तब भी 30 फीसदी टैक्स की देनदारी बनेगी. गिफ्ट किए जाने के मामले में उस समय की वैल्यू पर टैक्स लगेगा. इस वैल्यू को Recipient का इनकम माना जाएगा और उसे वैल्यू पर टैक्स देना होगा.
एक और बात जो नोटिस करने वाली है कि ये नया टैक्स आने वाले कारोबारी साल यानी 1 अप्रैल से लागू होगा. यानी क्रिप्टो में कारोबार करने वालों के पास फिलहाल 31 मार्च तक की मोहलत है. वित्त मंत्री ने यह भी प्रस्ताव किया कि डिजिटल एसेट्स के दायरे में क्रिप्टोकरेंसी के अलावा NFT समेत सारे टोकन आते हैं, जो सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क में नहीं हैं. वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी आने आने वाली है. ये सारे बदलाव बजट पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद 1 अप्रैल 2022 से लागू हो जाएंगे.
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