कॉमर्स की परिस्थितियां
Que : 21. ई-कॉमर्स के विकास की विवेचना कीजिए। ई-कॉमर्स के फायदे एवं नुकसान क्या हैं ?
ई-कॉमर्स : इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स ( Electronic Commerce) इंटरनेट जैसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क पर व्यापार करने का एक तरीका है । ई-कॉमर्स के अंतगर्त वस्तुओं या सेवाओं को खरीद या बिक्री इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम जैसे - इंटरनेट के द्वारा होता है । यह इंटरनेट पर व्यापर है । ई-कॉमर्स को व्यापक रूप से इंटरनेट पर उत्पादों की खरीदारी और बिक्री माना जाता है। इस तरह से इंटरनेट के माध्यम से सेवाओं और सामानों की बिक्री और खरीद को ही ई-कॉमर्स कहते है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक रूप से डेटा या धन दो या दो से अधिक पार्टियों के बीच स्थानांतरित होता है। सीधे शब्दों में कहें , यह ऑनलाइन खरीदारी है। वर्तमान में ई-कॉमर्स इंटरनेट के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है । ईकॉमर्स उपभोक्ताओं को समय या दूरी की बिना कोई बाधाओं के साथ वस्तुओं और सेवाओं का इलेक्ट्रॉनिक रूप से आदान-प्रदान करने की अनुमति देता है । इंटरनेट पर सामान खरीदना और बेचना ईकॉमर्स के सबसे लोकप्रिय उदाहरणों में से एक है।
ईकॉमर्स के examples :
1. Online Shopping 2. Electronic Payments 3. Online Auctions 4. Internet Banking 5. Online Ticketing
ई-कॉमर्स कि निम्नाकित विशेषताएँ हैं :
1. पहुँच :- इंटरनेट आज देश के कोने कोने में फैला हुआ है और इसकी मदद से आप कहीं पर भी और कभी भी ऑनलाइन सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
2. भ्रष्टाचार-मुक्त :- यदि आप दुकानों से कुछ खरीदते हैं तो कई बार आपसे पैसे ज़्यादा चार्ज कर लिए जाते हैं और आप जानते हुए भी कुछ नहीं कर पाते। लेकिन ई-कॉमर्स की दुनिया में आपसे कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं करता। और यदि आपके साथ ऐसा होता भी कॉमर्स की परिस्थितियां है तो आप आसानी से ऐसे सेलर को रिपोर्ट कर सकते हैं।
3. डिटेल्स :- ऑनलाइन प्रोडक्ट खरीदने पर आपको प्रोडक्ट की पूरी जानकारी दी जाती है। यदि आप कोई मोबाइल फ़ोन आर्डर करना चाहते हैं तो आपको उसकी सारी डिटेल्स जैसे उसका प्रोसेसर , मेमोरी आदि के बारे में विस्तार से बताया जाता है। इसकी मदद से आप प्रोडक्ट को प्रचलन के अनुसार नहीं , बल्कि उसकी खासियत के अनुसार खरीद सकते हैं।
ई-कॉमर्स के निम्नांकित लाभ हैं:
1. ई-कॉमर्स का उपयोग करते हुए , संगठन न्यूनतम पूंजी निवेश के साथ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपने बाजार का विस्तार कर सकता है।
2. ई-कॉमर्स कंपनी की ब्रांड छवि को बेहतर बनाता है ।
3. ई-कॉमर्स संगठन को बेहतर ग्राहक सेवाएं प्रदान करने में सहायता करता है।
4. ई-कॉमर्स व्यापार प्रक्रियाओं को सरल बनाने और उन्हें तेज़ और कुशल बनाने में मदद करता है |
5. ई-कॉमर्स कागज काम बहुत कम कर देता है ।
6. ई-कॉमर्स ने संगठन की उत्पादकता में वृद्धि की ।
7. ई-कॉमर्स उत्पादों की लागत कम करने में मदद करता है इसलिए कम समृद्ध लोग भी उत्पादों को खरीद सकते हैं
8. यह नेशनल तथा इंटरनेशनल दोनों मार्केट में बिजनेस कॉमर्स की परिस्थितियां एक्टिविटीज की डिमांड को बढाता है ।
9. यह एक बिजनेस concern या व्यक्तिगत रूप से ग्लोबल मार्केट में पहुँचने के लिए समक्ष बनता है |
10. ऑनलाइन शॉपिंग सामान्यत: अधिक सुविधाजनक होती है तथा पारंपरिक शॉपिंग की अपेक्षा टाइम सेविंग होती है।
11. इसके माध्यम से छोटे एंटरप्राइजेज प्रोडक्ट्स की खरीददारी , बेचना तथा सर्विस के लिए ग्लोबल मार्केट को एक्सेस कर सकते हैं
ई-कॉमर्स के निम्नांकित हानियों है ( Disadvantages of E-commerce)
1 प्रतियोगिता स्थिति को संतुलित करने में असमर्थ होते है।
2 उपभोक्ताओं को यह समझने में असफलता होती है कि इ-कॉमर्स के माध्यम से खरीददारी कैसे करें।
Singhbhum Chamber of Commerce and Industry: बालू घाटों की नीलामी कर स्थिति को सामान्य करें -विजय आनन्द मूनका
सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने बालू की कमी पर राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से कहा है कि लगातार ऐसा देखा जा रहा है कि पूरे राज्य/शहर में बालू की कमी हो गई है। कोरोना काल में शहर/राज्य के रियल स्टेट क्षेत्र में विकास के कार्य जो रूक गये थे वो धीर-धीरे फिर से रफ्तार पकड़ने लगी थी। लेकिन पिछले कुछ दिनों से बालू की कमी होने से यह फिर से थमने लगी है। बिल्डर्स एवं रियल स्टेट के कारोबार का काम पूरी तरह से ठप पड़ गया है। इससे रियल स्टेल से जुड़े दूसरे सामानों के व्यापार में भी गिरावट देखी जा रही है। इस क्षेत्र से जुड़े सामानों के व्यवसाय करने वाले व्यवसायी, कामगारों, मजदूरों से जुड़े लाखों लोगों की आर्थिक स्थिति प्रभावित होने वाली है। यदा-कदा अवैध खनन कर चोरी-छिपे बालू की सप्लाई काफी महंगे दामों में हो रही है। इससे राज्य के राजस्व में भी हानि हो रही।
इन परिस्थितियों को देखते हुये झारखण्ड राज्य में तुरंत ही बालू घाटों की नीलामी की जाय। इससे बालू की सप्लाई सामान्य एवं सुचारू रूप से होने लगेगा और रियल स्टेट के कारोबार मंे वृद्धि होगी जो राज्य के राजस्व का एक प्रमुख स्त्रोत है।
कॉमर्स की परिस्थितियां
Please Enter a Question First
एक सदिश का प्रारम्भिक बिंदु ( .
Updated On: 27-06-2022
UPLOAD PHOTO AND GET THE ANSWER NOW!
Get Link in SMS to Download The Video
Aap ko kya acha nahi laga
हेलो दोस्तों प्रश्न ही एक सदिश का प्रारंभिक बिंदु 2 कोमा एक है और अंतिम बिंदु -5 कॉमर्स साथ तो इस सर इस काम को साजिश घटक ज्ञात करना है तो चलिए देखते प्रश्नकाल सबसे पहले हम यहां पर हम देख रहे हैं ठीक है यह हो गया हमारा किसी सदस्य का यह प्रारंभिक बिंदु में मान रहा है जिसके निर्देशक दिया है तो कमाई और अंतिम दिन तुम्हारा नाम भी जिसके निर्देशक है - 5 कोमा साथ तब हमको घर शादी से भी लिखना हो तो सतीश एबी कैसे लिखेंगे बी का स्थिति सदिश -18 स्थिति सदस्य ने अंतिम बिंदु में से प्रारंभिक बिंदु को घटा एंगे और उसको सदस्यों में लिखेंगे तो यहां पर क्या हो जाएगा यहां पर आ जाएगा बी का स्थिति सदिश - एक
स्थिति सदस्य ठीक है अब अगर हमको बिंदु पता हो तो स्थिति सदिश कैसे लिखते हैं किसी सदस्य का तो उसके लिए अगर हम देखें तो बी का स्थिति सदिश के लिए बीके जो निर्देशक भी हैं तो इसको आई के साथ गुणा करके लिखेंगे इसको जे के साथ उन दोनों को जोड़ देंगे तो यहां से बीके स्थिति सदिश में आ जाएगा - का पांच है क्या प्लस का साथ जे कैप - ए के लिए चित्र लिखेंगे तो दुबई के प्लस वन गणेश जी के यहां से देखें तो कितना जाएगा - का साथ ही किया जाएगा प्लस का छेद जेके अब हमको पता है अगर कोई सदस्य ठीक है मान रहे कोई सदस्य है इस तरह से एक्साईगर प्लस वाई जेके प्लस जड़का के कैप इस तरह कोई
सदस्य ठीक है तो यह जो हमारा एक्स आई कैप ठीक है भाई जैकेट और जेड जेड जेड के कैप यह क्या होता है हमारे सदस्य घटक कहलाता है 10 अगस्त घटक जो होंगे इस संदेश के लिए क्या होगा एक्स आई कैप बॉय जैकेट और जेड के कैप यह होता है और आदेश घटक की बात करें आदेश घटक क्या होगा जो आई कैप जैकेट और के कैप के साथ लिखे हुए हैं ठीक है तो यह हो कॉमर्स की परिस्थितियां जाएगा एक्स वाई और जेड यह इस प्रश्न का कांसेप्ट तो यहां पर सब इसका हमने मान निकाल दिया - का साथ आई क्या प्लस का 6 जगह तो सदिश घटक यहां पर क्या हो जाएगा सदैव घटा का आ जाएगा यहां पर - का साथ आई क्या कमा 60 तो यह राज प्रश्न का उत्तर उम्मीद तुमको
डेली न्यूज़
सरकार ने ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर दी जाने वाली भारी छूट की निगरानी के लिये सभी प्रकार "फ्लैश सेल" पर प्रतिबंध लगाते हुए उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम [Consumer Protection (e-commerce) Rules] 2020 में बदलाव प्रस्तावित किये हैं।
प्रमुख बिंदु
परिवर्तन के मूल कारण:
-
प्लेटफॉर्म पर तीसरे पक्ष के विक्रेताओं द्वारा पारंपरिक फ्लैश बिक्री/सेल पर प्रतिबंध नहीं है।
- छोटे व्यवसायियों द्वारा अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट जैसे ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस द्वारा बाज़ार प्रभुत्व के दुरुपयोग और भारी छूट की शिकायत की जाती रही है।
- उपभोक्ता मामले मंत्रालय को ई-कॉमर्स इकोसिस्टम में व्यापक धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार प्रथाओं के खिलाफ कई शिकायतें भी मिलती रही हैं।
- कुछ ई-कॉमर्स संस्थाएँ 'बैक-टू-बैक' या 'फ्लैश' सेल लाकर उपभोक्ताओं की पसंद को सीमित करती हैं , जिसमें प्लेटफॉर्म पर बेचने वाला कोई विक्रेता इन्वेंट्री या कॉमर्स की परिस्थितियां ऑर्डर को पूरा करने की क्षमता नहीं रखता है बल्कि प्लेटफॉर्म द्वारा नियंत्रित दूसरे विक्रेता के साथ केवल 'फ्लैश या बैक-टू-बैक' ऑर्डर पूरा करता है।
प्रस्तावित संशोधन:
- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 और नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिये मुख्य अनुपालन अधिकारी (Chief Compliance Officer- CCO) की नियुक्ति, कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ 24x7 समन्वय के लिये एक नोडल संपर्क व्यक्ति, उनके आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिये अधिकारी की नियुक्ति का प्रस्ताव किया गया है।
- ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर उपभोक्ताओं की शिकायतों के निवारण के लिये स्थायी रूप से रहने वाले शिकायत अधिकारी (Resident Grievance Officer) की नियुक्ति का भी प्रस्ताव किया गया है, जिसे कंपनी का एक कर्मचारी तथा भारत का नागरिक होना चाहिये।
- तरजीही व्यवहार की बढ़ती चिंताओं से निपटने के लिये, नए नियमों में यह सुनिश्चित करने का प्रस्ताव किया गया है कि किसी भी संबंधित पक्ष को 'अनुचित लाभ' पहुँचाने हेतु किसी भी प्रकार की उपभोक्ता जानकारी (ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से) का उपयोग करने की अनुमति न हो।
- प्रस्तावित संशोधनों में ऐसी व्यवस्था की बात कही गई है कि जब एक ई-कॉमर्स इकाई आयातित वस्तुओं या सेवाओं की पेशकश करे, तो उसके मूल देश की पहचान करने हेतु एक फिल्टर तंत्र हो।
- साथ ही घरेलू सामानों के लिये उचित अवसर सुनिश्चित करने हेतु विकल्प सुझाए जाएंगे।
प्रस्तावित संशोधनों का महत्त्व:
- ये संशोधन अधिनियम के प्रावधानों और नियमों का प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित करेंगे तथा ई-कॉमर्स संस्थाओं से संबंधित शिकायत निवारण तंत्र को भी मज़बूती प्रदान करेंगे।
- संशोधन का यह प्रस्ताव इसलिये भी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह ऐसे समय में आया है जब भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (Competition Commission of India- CCI) द्वारा बाज़ार प्रभुत्व के कथित दुरुपयोग और ऐसे विक्रेताओं को तरजीही देने के संदर्भ में बड़े ई-कॉमर्स बाज़ारों की जाँच की जा रही है जिसमें वे अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी रखते हैं।
ई-कॉमर्स
- इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स या ई-कॉमर्स एक व्यवसाय मॉडल है जो फर्मों और व्यक्तियों को इंटरनेट के माध्यम से चीजें खरीदने एवं बेचने की सुविधा देता है।
- स्मार्टफोन की बढ़ती पहुँच, 4जी नेटवर्क के लॉन्च और बढ़ती उपभोक्ता संपत्ति से प्रेरित, भारतीय ई-कॉमर्स बाज़ार के वर्ष 2026 तक 200 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है जो कि वर्ष 2017 में 38.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी।
- भारतीय ई-कॉमर्स उद्योग तेज़ी से विकास के पथ पर अग्रसर है और यह आशा व्यक्त की जा रही है वर्ष 2034 तक भारत, अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए विश्व का दूसरा सबसे बड़ा ई-कॉमर्स बाज़ार बन जाएगा।
ई-कॉमर्स के प्रमुख प्रकार
ई-कॉमर्स का प्रकार
B2C- बिज़नेस टू कंज़्यूमर
Amazon.com एक सामान्य विक्रेता है जो खुदरा उपभोक्ताओं को वस्तुओं की बिक्री करता है।
B2B- बिज़नेस टू बिज़नेस
esteel.com एक स्टील इंडस्ट्री एक्सचेंज है जो स्टील उत्पादकों तथा उपयोगकर्त्ताओं के लिये एक इलेक्ट्रिक मार्केट का निर्माण करता है।
C2C- कंज़्यूमर टू कंज़्यूमर
ebay.com एक ऐसे मार्केट का निर्माण करता है जहाँ उपभोक्ता अपनी वस्तुओं की प्रत्यक्ष नीलामी अथवा बिक्री कर सकते हैं।
Gnutella एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन है जो मार्केट मेकर के हस्तक्षेप (जैसा कि C2C ई कॉमर्स में होता है) के बिना उपभोक्ताओं को सीधे एक-दूसरे के साथ म्यूजिक साझा करने की अनुमति देता है।
M-कॉमर्स : मोबाइल कॉमर्स
PDA (पर्सनल डिजिटल असिस्टेंट) या सेल फोन जैसे वायरलेस उपकरणों का उपयोग वाणिज्यिक लेनदेन हेतु कियाजा सकता है।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 254