Forex Trading Fraud: फॉरेक्स ट्रेडिंग में मोटे मुनाफे का झांसा, फर्जी ऐप के जरिए लोगों से ऐसे की 15 करोड़ की ठगी
Noida Fraud Case: फर्जी ऐप का खेल नोएडा में खूब चल रहा है। फॉरेक्स ट्रेडिंग में मोटे मुनाफा का लालच देकर अपने जाल में फंसाया जाता है। इसके बाद फर्जी ऐप के जरिए लोगों के खातों में सेंधमारी की जाती है। नोएडा पुलिस ने फर्जी ऐप के इस खेल का भंडाफोड़ किया है।
हाइलाइट्स
- जीएसटी विभाग के रिटायर्ड कमिश्नर से ट्रेडिंग फॉरेक्स वाराणसी की थी 15 लाख रुपये की ठगी
- इंदौर और देवास से चल रहा था गिरोह, वहां 2020 में खोला था ऑफिस
- नामी ट्रेडिंग प्लैटफार्म को टूल बनाकर लोगों को फंसाते थे ये जालसाज
- खुद तैयार किया था उसी नाम से मिलता-जुलता ऐप, दिखाते थे फर्जी मुनाफा
नोएडा: उत्तर प्रदेश के नोएडा में फर्जी ऐप के जरिए लोगों के फांसने के खेल का भंडाफोड़ हुआ है। फॉरेक्स ट्रेडिंग में मोटे मुनाफे का लालच देकर लोगों से ठगी कर रहे एक गैंग को साइबर थाना पुलिस ने पकड़ा है। यह गैंग मध्य प्रदेश के इंदौर और देवास से चलाया जा रहा था। पुलिस ने देवास से इस गैंग में शामिल शातिर को पकड़ा। इसके बाद मंगलवार को नोएडा लाकर इस फर्जीवाड़े खुलासा किया। इस गिरोह ने नोएडा ट्रेडिंग फॉरेक्स वाराणसी निवासी जीएसटी विभाग में कमिश्नर के पद से रिटायर अधिकारी से 15 लाख रुपये की ठगी की थी। इस ठगी में साइबर थाना पुलिस एफआईआर दर्ज कर जांच कर रही थी। पुलिस के मुताबिक, धोखाधड़ी करने वाले 3 शातिर अपराधी इस गैंग को चला रहे थे। एक आरोपी पकड़ा गया है, जिससे मिले रेकार्ड से यह पता चला है कि अब तक ये देश भर के 500 लोगों से करीब 15 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके थे।
पुलिस कार्रवाई की जानकारी साइबर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर रीता यादव ने दी। उन्होंने बताया कि देवास की शिमला कॉलोनी से गिरफ्तार किए गए आरोपी का नाम शोएब मंसूरी है। शोएब और इसके दो साथियों ने मिलकर इंदौर व देवास में 2020 में अमदानी सल्यूशन के नाम से ऑफिस खोला था। फिर ब्रोकिंग फर्म से ट्रेडिंग करने वालों का डेटा हासिल किया। ऑफिस में युवक-युवतियों को वह डेटा देकर फोन कॉल करवाई जाती थी। कॉल पर जो भी इनके झांसे में आ जाता था उसे फंसाकर मोटी रकम ठग लेते थे। थाना प्रभारी के मुताबिक अब तक जो पुलिस के पास तथ्य हैं 5-6 आरोपी इस धोखाधड़ी के गैंग के और हैं जो फरार हैं। इनकी गिरफ्तारी की कोशिश की जा रही है। पकड़े गए आरोपी से मिले रेकार्ड के आधार पर करीब 7 लाख रुपये की रकम बैंक अकाउंट्स में फ्रीज करवा दी गई है।
इस तरह करते थे ठगी
मेटा एक बड़ा फाइनेंशियल ट्रेडिंग प्लैटफार्म है। फोन कॉल करने वाले लोगों से इस प्लैटफार्म पर ही डीमेट अकाउंट खुलवाकर मोटा मुनाफा दिलाने का वादा करते थे। 10-12 हजार रुपये से ओरिजनल प्लैटफार्म पर डीमेट अकाउंट खुलवा दिया जाता था। इसके बाद अकाउंट का यूजर आईडी और पासवर्ड ठग अपने पास रख लेते थे। ठगों ने फर्जी फाइनैंशयल ट्रेडिंग प्लैटफार्म मेटा ट्रेडर्स-5 एक एंड्रायड एप्लीकेशन के रूप में प्ले स्टोर पर डाला हुआ था। यहां से ठगी का खेल शुरू होता था। दरअसल जिसे मोटे मुनाफे का लालच दिया जाता था उसकी आईडी फर्जी ट्रेडिंग प्लैटफार्म एप्लीकेशन पर बना देते थे। फिर उससे दूसरे बैंक अकाउंट में रकम ली जाती थी।
इसके बाद उस फर्जी ट्रेडिंग प्लैटफार्म पर मोटा मुनाफा बढ़ता हुआ दिखाते रहते थे। आईडी में डॉलर हर दिन बढ़ते जाते थे। यह देख पैसा लगाने वाले और तेजी से पैसा लगाते रहते थे। अब अगर कोई भी व्यक्ति अपनी यह रकम निकलवाना चाहता था तो उससे जीएसटी, सेटलमेंट चार्ज, कनवर्जन चार्ज व अन्य के नाम पर और भी रकम ले ली जाती थी। लगातार नए चार्ज बताए जाते थे। तंग आकर जाल में फंसा व्यक्ति जब पुलिस या अन्य जगहों पर पड़ताल करवाता था तो यह पता चलता था कि जो करोड़ों की रकम उसकी जमा दिखा रहा है दरअसल वह फर्जी ट्रेडिंग प्लेटफार्म है। पैसा न मिलता देख आरोपी आईडी भी फर्जी प्लेटफार्म से हटा चुके होते थे और बात करना भी बंद कर देते थे।
यह होता है फॉरेक्स ट्रेडिंग
फॉरेक्स करंसी ट्रेडिंग के ग्लोबल मार्केट के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला टर्म है। यूरो को डॉलर्स से एक्सचेंज करना हो डॉलर को रुपये से, यह सब फॉरेक्स मतलब फॉरेन एक्सचेंज मार्केट का हिस्सा होता है। करंसी ट्रेडिंग दुनिया का सबसे बड़ा फाइनैंशल मार्केट है।
यह होता है डीमेट अकाउंट
डीमेट अकाउंट एक बैंक अकाउंट की तरह होता है। इसमें शेयर सर्टिफिकेट और अन्य सिक्यॉरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में ट्रेडिंग फॉरेक्स वाराणसी रख सकते हैं। डीमैट अकाउंट का मतलब डिमैटेरियलाइजेशन अकाउंट होता है। इस अकाउंट में शेयर, बॉन्ड्स, म्यूचुअल फंड, ईटीएफ जैसे इन्वेस्टमेंट को रखने की प्रक्रिया आसान हो जाती है। यह अकाउंट अलग-अलग प्लेटफार्म पर खोले जाते हैं।
एक महीने बाद है शादी
साइबर थाना पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपी शोएब मंसूरी 12वीं तक पढ़ा है। एक महीने बाद शादी होने वाली है। ठगी से आने वाली रकम को यह अपने महंगे शौक पूरे करने में उड़ा देता था। महंगी एसयूवी को महीनों इसने किराए पर अपने पास रखा हुआ था।
महाराष्ट्र पुलिस भी कर रही थी तलाश
साइबर थाना प्रभारी ने बताया कि टीम जब देवास पहुंची और इस आरोपी को पकड़ने की जानकारी स्थानीय थाने में दी गई, तो स्थानीय थाना पुलिस ने भी कई जानकारियां ट्रेडिंग फॉरेक्स वाराणसी इस गैंग के बारे में शेयर की। यह बताया कि इस गैंग ने मुंबई से लेकर पंजाब तक ठगी की हुई है। महाराष्ट्र पुलिस भी इनकी तलाश में देवास में डेरा डाले हुई थी। साइबर थाना पुलिस के पास सर्विलांस का इनपुट पुख्ता था, जिससे इसे पकड़ने में कामयाबी मिली।
RBI ने जारी की अवैध फॉरेक्स ट्रेडिंग ऐप की अलर्ट लिस्ट
अवैध ऐप्स की लंबी सूची में OctaFX शामिल है, जो इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) टीम दिल्ली कैपिटल्स का आधिकारिक ट्रेडिंग स्पॉन्सर है। आरबीआई ने इन ऐप को लेकर लोगों को चेताया है और उपयोग नहीं करने की सलाह दी है।
RBI ने जारी की अवैध फॉरेक्स ट्रेडिंग ऐप की अलर्ट लिस्ट (फाइल फोटो)
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस सप्ताह अवैध इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर विदेशी मुद्रा लेनदेन में शामिल संस्थाओं की एक अलर्ट सूची जारी की। इसमें एक ऐप ऐसा भी है, जो IPL टीम दिल्ली कैपिटल को स्पॉन्सर करता है। यह अवैध संस्था या ऐप लोगों से हाई रिटर्न का वादा करके लुभाते हैं। आरबीआई ने कहा कि इन अवैध प्लेटफॉर्म के यूजर्स पर मुकदमा चलाया जा सकता है।
अवैध ऐप्स की लंबी सूची में OctaFX शामिल है, जो इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) टीम दिल्ली कैपिटल्स का आधिकारिक ट्रेडिंग स्पॉन्सर है। आरबीआई ने इन ऐप को लेकर लोगों को चेताया है और उपयोग नहीं करने की सलाह दी है, वरना यूजर्स पर कार्रवाई भी की जा सकती है। यहां अवैध फॉरेक्स ट्रेडिंग ऐप्स और वेबसाइटों की पूरी सूची है।
अवैध फॉरेक्स ट्रेडिंग ऐप
Alpari, AnyFX, Ava Trade, Binomo, e Toro, Exness, Expert Option, FBS, FinFxPro, Forex.com, Forex4money, Foxorex, FTMO, FVP Trade, FXPrimus, FXStreet, FXCm, FxNice, FXTM, HotFores, ibell Markets, IC Markets, iFOREX, IG Market, IQ Option, NTS Forex Trading, Octa FX, Olymp Trade, TD Ameritrade, TP Global FX, Trade Sight FX, Urban Forex, Xm और XTB है।
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आरबीआई ने यह भी कहा कि इस लिस्ट में नहीं आने वाले यूनिट को ट्रेडिंग फॉरेक्स वाराणसी केंद्रीय बैंक की ओर से रजिस्टर्ड नहीं माना जाना चाहिए। भारतीय रिजर्व बैंक के मानदंडों के अनुसार, लोगों को (विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999) के अनुसार केवल रजिस्टर्ड संस्थाओं के साथ विदेशी मुद्रा लेनदेन करना चाहिए।
आरबीआई ने क्या कहा
आरबीआई के अनुसार, जबकि अनुमत विदेशी मुद्रा लेनदेन इलेक्ट्रॉनिक रूप से किए जा सकते हैं, उन्हें केवल आरबीआई या मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड, बीएसई लिमिटेड और मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा इस उद्देश्य के लिए अधिकृत ईटीपी पर ही किया जाना चाहिए।
एक परिवार ने हजारों से की 100 करोड़ की ठगी, ऐसे खुली पोल
इस स्कीम के जरिए यूपी, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, झारखंड, पंजाब, चंडीगढ़ समेत कई राज्यों के हजारों लोगों से ठगी की है। इसके लिए दुबई में सर्वर में ले रखा था, जिसे इस धंधे में शामिल इनका एक साथी दुबई में बैठकर चला रहा था।
हाइलाइट्स
- फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर पोंजी स्कीम से धोखाधड़ी मामले में खुलासा
- पिता, पत्नी से लेकर बहन-बहनोई को भी शामिल कर रखा था इस गोरखधंधे में
- हवाला के जरिये दुबई के बैंक में भेजा पैसा, हजारों से 100 करोड़ ठगे
पत्नी ने दिया था आइडिया
इस मामले में सेक्टर-20 थाने में 9 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें न्यू एरा वैल्थ मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के दोनों डायरेक्टर भाई महेंद्र वर्मा व संदीप वर्मा के अलावा उनके पिता चरण सिंह को भी आरोपी बनाया गया है। महेंद्र की पत्नी राजेश, उनके बहनोई पवन व बहन मंजू के अलावा मौसी का दामाद संजय वर्मा भी 9 आरोपी में शामिल हैं। अन्य दो आरोपी किशोर कुमार व सुभाष झा हैं। निवेशकों ने बताया कि महेंद्र वर्मा की पत्नी राजेश पहले गुड़गांव में किसी बैंक में काम करती थी। इस दौरान वह डॉलर की ट्रेडिंग का काम करती थी। वहीं पर उसने फॉरेक्स ट्रेडिंग करना सीखा। महेंद्र ने राजेश से लव मैरिज की थी। शादी के बाद राजेश ने ही फॉरेक्स ट्रेडिंग का उसे आइडिया दिया। जिसके बाद उसने भाई के साथ मिलकर कंपनी खोलकर इस धंधे को शुरू किया। पोंजी स्कीम के तहत इस धंधे से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए बड़े होटलों में आयोजित की जाने वाली कॉन्फ्रेंस में इनके पिता चरण सिंह भी बराबर शामिल होते थे।
इसके अलावा वह ऑफिस में बैठकर निवेशकों को पैसा लगाने के लिए तैयार करने का काम भी करते थे। इनका बहनोई पवन इस काम में शादी से पहले से ही इनसे जुड़ा हुआ था। आईआईटी ग्रेजुएट बताया जा रहा पवन इस काम में इनकी तकनीकी मदद किया करता था। बहन से शादी होने के बाद उसे इन लोगों बेंगलुरू में शिफ्ट कर दिया। संजय वर्मा इनकी मौसी का दामाद है, जो इनका सबसे बड़ा एजेंट है, इसने ग्रेटर नोएडा व बुलंदशहर के कई लोगों का पैसा इस पोंजी स्कीम में लगवाया था।
भारत में अवैध है फॉरेक्स ट्रेडिंग का धंधा
भारत में दूसरे देशों की करंसी की ट्रेडिंग करना अवैध है। हालांकि अमेरिकी डॉलर, पाउंड, यूरो समेत अन्य देशों की करंसी को भारतीय रुपये में रजिस्टर्ड ब्रोकर के जरिए ट्रेडिंग जरूर की जा सकती है। इसको देखते हुए आरोपियों ने अपना सर्वर दुबई में लगाकर वेबसाइट बनाई, लेकिन कंपनी भारत में खोली। कंपनी ने निवेशकों से भारतीय करंसी ली, लेकिन निवेश डॉलर में किया।
निवेशकों के अनुसार, आरोपियों ने बाद में फॉरेक्स एक्सचेंज में पैसा लगाना ही बंद कर दिया और सर्वर के माध्यम से वेबसाइट में फर्जीवाड़ा करके निवेश की हुई रकम को दिखा देते थे। आरोपियों ने ज्यादातर निवेशकों से पैसा कैश में लिया। नोटबंदी के दौरान कंपनी में निवेशकों ने सबसे ज्यादा निवेश किया। चार्टर्ड अकाउंटेंट नवल किशोर के अनुसार, फॉरेक्स ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर का सिक्युरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) से रजिस्टर होना जरूरी है। बिना सेबी के रजिस्ट्रेशन के इस तरह का काम अवैध है। रजिस्टर्ड ब्रोकर के लिए भी बेस करंसी को भारतीय रुपये के रूप में ही निवेश करवाना होगा।
हवाला के जरिए दुबई के बैंक में पैसा किया ट्रांसफर
आरोप है कि दोनों भाइयों ने कंपनी में निवेश किए जाने वाले पैसे को फॉरेक्स एक्सचेंज में न लगाकर हवाला के जरिए दुबई के एक बैंक में ट्रांसफर कर दिया। निवेशकों के पैसे से ही आरोपियों ने यू-ट्यूब पर एक न्यूज चैनल भी शुरू किया, जिसके उद्घाटन में कई बड़े राजनेता भी शामिल हुए थे। बाद में आरोपियों के भाग जाने पर इस चैनल का संचालन इस साल जून में बंद कर दिया गया। इस चैनल के 69 हजार से अधिक सब्सक्राइबर हैं। आरोपियों ने निवेशकों के पैसे से ही ऑडी, मर्सिडीज, फॉर्च्युनर जैसी महंगी गाड़ियां खरीदी थीं। कंपनी में 22 लाख रुपये निवेश करने वाले ग्रेटर नोएडा निवासी मुकेश कुमार ने बताया है कि आशंका है कि आरोपी यहां दफ्तर बंद कर बेंगलुरू में अपने बहनोई के पास भाग गए हैं। वहीं, यह भी कहा जा रहा है कि अब वह परिवार समेत दुबई भाग गए हैं।
Forex Reserves: लगातार दूसरे हफ्ते बढ़ा देश का खजाना, जानें कितना है गोल्ड रिजर्व
Foreign Exchange Reserves: देश का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले कई सप्ताह से लगातार गिर रहा था. वहीं, 11 नवंबर और 18 नवंबर . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : November 25, 2022, 18:55 IST
हाइलाइट्स
विदेशी मुद्रा भंडार 2.537 अरब डॉलर बढ़कर 547.252 अरब डॉलर पर.
गोल्ड रिजर्व का मूल्य 31.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 40.011 अरब डॉलर पर.
फॉरेन करेंसी एसेट 1.76 अरब डॉलर बढ़कर 484.288 अरब डॉलर पर.
नई दिल्ली. देश के विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserves) में एक बार फिर तेजी आई है. 18 नवंबर, 2022 को खत्म हुए सप्ताह में यह 2.537 अरब डॉलर बढ़कर 547.252 अरब डॉलर पर पहुंच गया. इसमें लगातार दूसरे सप्ताह बढ़ोतरी हुई है. भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई (RBI) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
अगस्त 2021 के बाद देश के विदेशी मुद्रा भंडार में सबसे तेज बढ़ोतरी
आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, 11 नवंबर को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 14.72 अरब डॉलर बढ़कर 544.72 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अगस्त 2021 के बाद देश के विदेशी मुद्रा भंडार में इस सप्ताह सबसे तेज बढ़ोतरी हुई है. गौरतलब है कि अक्टूबर 2021 में विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया था.
1.76 अरब डॉलर बढ़ी एफसीए
केंद्रीय बैंक ने कहा कि रिपोर्टिंग वीक के दौरान मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण घटक मानी जाने वाली फॉरेन करेंसी एसेट यानी एफसीए (FCA) 1.76 अरब डॉलर बढ़कर 484.288 अरब डॉलर हो गईं. डॉलर में अभिव्यक्त किए जाने वाली एफसीए में मुद्रा भंडार में रखे यूरो, पौंड और जापानी येन जैसे गैर डॉलर मुद्रा के मूल्य में आई कमी या बढ़त के प्रभावों को दर्शाया जाता है.
गोल्ड रिजर्व भी बढ़ा
इसके अलावा गोल्ड रिजर्व का मूल्य भी रिपोर्टिंग वीक में 31.5 करोड़ डॉलर की वृद्धि के साथ 40.011 अरब डॉलर पर पहुंच गया. आंकड़ों के मुताबिक, स्पेशल ड्राइंग राइट यानी एसडीआर (SDR) 35.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 17.906 अरब डॉलर हो गया. आंकड़ों के अनुसार रिपोर्टिंग वीक में इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) में रखा देश का मुद्रा भंडार भी 11.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 5.047 अरब डॉलर हो गया.
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रिजर्व बैंक शुरू कर रहा रुपये में ग्लोबल ट्रेड सेटलमेंट, कैसे काम करेगा यह सिस्टम और कितना होगा फायदा?
डॉलर के मुकाबले रुपया 79.60 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर चला गया है.
डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा ट्रेडिंग फॉरेक्स वाराणसी में आ रही गिरावट और विदेशी मुद्रा भंडार पर बढ़ते दबाव से बचने के लिए आरबीआई ने नया ट्रेड . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : July 14, 2022, 13:17 IST
हाइलाइट्स
दुनिया के बाकी देश डॉलर, येन, यूरो और पाउंड में ही ग्लोबल ट्रेडिंग करते हैं.
रिजर्व बैंक का मकसद रुपये पर डॉलर व अन्य करेंसी का दबाव घटाना है.
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 10 महीने के आयात के लिए पर्याप्त है.
नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ग्लोबल मार्केट में भारत की पहुंच बढ़ाने और ट्रेडिंग को आसान बनाने के लिए आयात-निर्यात का सेटलमेंट रुपये में कराने की बात कही है. यह सिस्टम किस तरह से काम करेगा और भारत को इसका क्या फायदा मिलेगा. कमोडिटी एक्सपर्ट इसे भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा मूव बता रहे हैं.
कमोडिटी एक्सपर्ट अजय केडिया का कहना है कि अभी नेपाल-भूटान को छोड़कर दुनिया के बाकी देश डॉलर, येन, यूरो और पाउंड में ही ग्लोबल ट्रेडिंग करते हैं. आरबीआई के नई व्यवस्था शुरू करने के बाद रुपये में भी ट्रेडिंग का रास्ता खुल जाएगा. आरबीआई का कहना है कि इस सिस्टम के शुरू होने के बाद भारत के एक्सपोर्ट को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि दुनिया ने रुपये में दिलचस्पी दिखाई है.
क्या रूस से व्यापार बढ़ाने की है तैयारी
वैसे तो रिजर्व बैंक का मकसद रुपये पर डॉलर व अन्य करेंसी का दबाव घटाना है, जिसके लिए नया सिस्टम डेवलप किया जा रहा है, लेकिन कुछ एक्सपर्ट का कहना है कि इस कदम से रूस के साथ व्यापार बढ़ाने में मदद मिलेगी. दरअसल, यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू होने के बाद से रूस पर कई प्रतिबंध लग चुके हैं और वह अपना रिजर्व डॉलर इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है. ऐसे में नया सिस्टम आने के बाद रूस से व्यापार बढ़ाने में मदद मिलेगी. इसके अलावा ईरान सहित व्यापारिक प्रतिबंध झेल रहे अन्य देशों के साथ भी भारत अपना व्यापार बढ़ा सकेगा.
विदेशी मुद्रा भंडार पर बोझ कम होगा
रिजर्व बैंक का सबसे बड़ा मकसद विदेशी मुद्रा भंडार पर बोझ को घटाना है. आरबीआई के पास मौजूद करीब 590 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार वैसे तो 10 महीने के आयात के लिए पर्याप्त है, लेकिन अभी इसका इस्तेमाल रुपये पर बढ़ते दबाव को घटाने में हो रहा है. नया सिस्टम आने के बाद अगर ग्लोबल मार्केट में कोई देश हमसे भारतीय करेंसी में लेनदेन करता है तो इससे विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव कम हो जाएगा. इतना ही नहीं ग्लोबल मार्केट में रुपये की स्वीकार्यता भी बढ़ जाएगी. तत्काल तो नहीं लेकिन धीरे-धीरे देश रुपये को स्वीकार कर लेंगे तो ग्लोबल मार्केट में यह डॉलर के मुकाबले खड़ा हो सकता है.
कैसे काम करेगा नया सिस्टम
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के सीईओ अजय सहाय का कहना है कि ग्लोबल मार्केट में रुपये में ट्रेड करने के लिए दूसरे देश को भी रुपये में पेमेंट लेने का सिस्टम बनाना होगा. आरबीआई के लिए कुछ भारतीय बैंकों को वेस्ट्रो अकाउंट खोलने की इजाजत देगा. ये बैंक दूसरे देशों की करेंसी को अपने पास रखेंगे. इसके तहत जब भारतीय कारोबारी निर्यात करेंगे तो वह अपने रेगुलर बैंक के जरिये वेस्ट्रो अकाउंट वाले बैंक को जानकारी भेजेगा. वेस्ट्रो खाते वाले बैंक से पैसा निर्यातक के रेगुलर बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा.
इसी तरह, जब कोई कारोबार आयात करेगा तो वह इसका भुगतान अपने रेगुलर बैंक को करेगा, जहां से पैसा वेस्ट्रो खाते वाले बैंक में चला जाएगा. मुद्रा की कीमत दोनों देशों के फॉरेक्स के हिसाब से लगाई जाएगी.
ईरान के साथ शुरू किया था ऐसा सिस्टम
भारत ने इससे पहले ईरान के साथ व्यापार के लिए ऐसा ही सिस्टम विकसित किया था. तब ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते डॉलर में कारोबार ठप हो गया था. ईरान से तेल खरीद का भुगतान भी रुपये में किया गया था. हालांकि, 2019 में ईरान से तेल का आयात बंद होने के बाद यह खाता भी ठप हो गया.
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