Whatsapp Message

अपने पोर्टफोलियो के लिए एसजीबी पर विचार करने के 5 कारण!

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड या एसजीबी केंद्र सरकार की ओर से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए बॉन्ड हैं। ये बांड भौतिक सोना द्वारा समर्थित हैं और सरकार के लिए राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं। RBI इन बांडों को पूरे वर्ष किश्तों में जारी करता है और अंतिम किश्त वर्तमान में सदस्यता के लिए खुला है, जिसकी अंतिम तिथि 23 दिसंबर 2022 है।

ये एसजीबी उन तरीकों में से एक हैं जिनसे निवेशक पीली धातु में निवेश कर सकते हैं। हालांकि, इन एसजीबी के कई लाभ हैं जो उन्हें सोने में निवेश के अन्य तरीकों से बेहतर विकल्प बनाते हैं। यहां 5 सबसे अच्छे फायदे हैं।

ब्याज दर

एसजीबी अनिवार्य रूप से बांड हैं, जिसका अर्थ है कि यह एक ऋण सुरक्षा है और सरकार इस पर ब्याज का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है। इसलिए, पूंजी की सराहना के अलावा, जो कि सोने की दरों में बढ़ोतरी के रूप में आनंद ले सकता है, निवेशकों को प्रति वर्ष एक निश्चित 2.5% ब्याज भी मिलता है (अर्ध-वार्षिक जमा) जो एसजीबी की अपील को और बढ़ाता है क्योंकि कोई अन्य विकल्प निश्चित रिटर्न प्रदान नहीं करता है। पैसा जो अनिवार्य रूप से सोने में निवेश किया जाता है।

कोई डिफ़ॉल्ट जोखिम नहीं

चूंकि ये बांड भारत सरकार की संप्रभु गारंटी द्वारा समर्थित हैं, इसलिए डिफ़ॉल्ट का जोखिम लगभग नगण्य है। सिद्धांत रूप में, देश अपने ब्याज दायित्वों पर डिफ़ॉल्ट कर सकते हैं, हालिया उदाहरण श्रीलंका है, लेकिन भारत, दुनिया की 5 वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के नाते, डिफ़ॉल्ट के जोखिम के करीब नहीं है।

कैपिटल गेन टैक्स पर छूट

यदि आप भौतिक या डिजिटल रूप में भी सोना खरीदते हैं, तो आप संपत्ति के परिसमापन से उत्पन्न होने वाले किसी भी पूंजीगत लाभ पर कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं। हालांकि, एसजीबी के मामले में, परिपक्वता के समय (8 वर्ष) तक सोने की कीमत बढ़ने की स्थिति में कोई पूंजीगत लाभ कर नहीं देना होता है। यहां एक बात ध्यान देने वाली है कि समय से पहले निकासी (सरकार 5 साल बाद बाहर निकलने का विकल्प देती है) पर पूंजीगत लाभ कर लगेगा। साथ ही, SGB पर प्राप्त ब्याज कर योग्य है।

ऋण के लिए संपार्श्विक

हालांकि फिजिकल गोल्ड को लोन के लिए गिरवी रखा जा सकता है, लेकिन कुछ समस्याएं तब आती हैं जब यह ईटीएफ या डिजिटल गोल्ड के रूप में होता है। एसजीबी के मामले में, वित्तीय संस्थान आपको आसानी से एसजीबी के खिलाफ ऋण दे सकते हैं जो एक और फायदा है अगर निवेशकों को नकदी की जरूरत है लेकिन साथ ही वे अपने सोने के निवेश को समाप्त नहीं करना चाहते हैं।

कोई संग्रहण लागत/चोरी जोखिम नहीं

भौतिक रूप में सोना न होना ही इसे सुरक्षित स्थान पर रखने के झंझट से बचाता है। यह आम तौर पर कुछ संबद्ध लागतों के साथ आता है, जैसे बैंक लॉकर। साथ ही चोरी का खतरा भी हमेशा बना रहता है। डीमैट फॉर्म में होने के कारण एसजीबी को स्टोरेज स्पेस/लागत की आवश्यकता नहीं होती है और चोरी का जोखिम नहीं होता है। यह आपके डीमैट खाते में किसी भी अन्य प्रतिभूति जैसे शेयरों की तरह ही बैठता है।

केजीएमयू के मेधावियों पर बरसा सोना-चांदी!

केजीएमयू के मेधावियों पर बरसा सोना-चांदी!

लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी के अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में शुक्रवार को केजीएमयू का 18वां दीक्षांत समारोह मनाया गया। इस मौके पर केजीएमयू के सबसे प्रतिष्ठित चांसलर, हीवेट और यूनिवर्सिटी गोल्ड मेडल से एमबीबीएस की महविश अहमद को सम्मानित किया गया, जबकि कुल 41 मेधावियों को मेडल से सम्मानित किया गया। इसमें 20 गोल्ड और तीन सिल्वर मेडल एमबीबीएस, 10 गोल्ड मेडल और चार सिल्वर मेडल डेंटल साइंस के स्टूडेंट्स को दिए गये। साथ ही, गठिया रोग विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ। एसके दास को गोल्ड व सिल्वर मेडल से सम्मानित किया गया। इसके अमेरिकी विकल्पों के फायदे और नुकसान अलावा, डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन, पद्मश्री, पद्मभूषण व बीसीराय अवार्डी डॉ। अनिल कोहली और अमेरिका में बसे भारतीय मूल के डॉ। मोइन जैदी को डीएचसी की उपाधि से नवाजा गया।

बताएं मोटा अनाज के फायदे

इस समारोह का हिस्सा बनीं गवर्नर और चांसलर आनंदीबेन पटेल ने कहा कि लोगों को अच्छी सेहत का संदेश देने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के आह्वान पर भारत 2023 को 'अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष' के रूप में मनाने जा रहा है। इसमें लोगों को मोटे अनाज के प्रति जागरूक किया जाएगा। ऐसे में, आप डॉक्टर्स को मोटा अनाज सेहत के लिए कितना फायदेमंद है, इसकी अहमियत लोगों को बतानी चाहिए। साथ ही, इसकी तरह-तरह की रेसिपी से लोगों को अवगत कराएं, ताकि वे पौष्टिक आहार का सेवन करें।

डॉक्टर्स-पैरामेडिक्स ने की कड़ी मेहनत

दीक्षांत समारोह में आगे बोलते हुए गवर्नर ने बताया कि चीन समेत अन्य देशों में कोरोना वायरस रफ्तार पकड़ रहा है। पर भारत में हालात फिलहाल काबू में हैं। हमारे वैज्ञानिकों ने एक साल में वैक्सीन बनाने का सफल काम किया। वहीं, डॉक्टर-पैरामेडिकल स्टाफ की अथक मेहनत और वैक्सीन प्रोग्राम की मदद से हम लोग सुरक्षित हैं। उन्होंने कठिन से कठिन स्थानों में पहुंचकर वैक्सीनेशन प्रोग्राम को सफल बनाने में मदद की है, जो वायरस से हमारी रक्षा करेगा। साथ ही, कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर हम लोग कोरोना से मुकाबला कर सकेंगे।

जी-20 के निवेश से मिलेगी आर्थिक मजबूती

भारत लगातार ताकतवर हो रहा है। इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि जी-20 के सदस्य भारत में निवेश करने आ रहे हैं। भारत के दूसरे देशों से रिश्ते भी सुधर रहे हैं। यूपी का माहौल व्यापार के लिहाज से भी बेहतर हुआ है। जी-20 के सदस्यों के निवेश से यूपी आर्थिक रूप से मजबूत होगा। केजीएमयू लगातार खुद को अपग्रेड कर रहा है। नए उपकरण से मरीजों को आधुनिक इलाज मुहैया करा रहा है। आर्गन डोनेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है। अमेरिकी विकल्पों के फायदे और नुकसान अंगदान के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है।

विदेशों में भी केजीएमयू का नाम

वहीं, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि इंवेस्टर मीट के लिए विदेश जाने का मौका मिला। विदेश में तमाम डॉक्टरों से मुलाकात हुई। बड़ी संख्या में केजीएमयू से पढ़ाई कर चुके डॉक्टर से भेंट हुई। डॉक्टरों ने कड़ी मेहनत कर केजीएमयू का गौरव बढ़ाया है। अब आप नए मेडिकल छात्रों पर केजीएमयू का मान आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी है। केजीएमयू बेहतर काम कर रहा है। ऐसे संस्थानों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार तैयार है। वहीं, चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि डॉक्टरों, खासकर नए डॉक्टरों को मरीजों से बात करनी चाहिए। उनके दर्द और भावनाओं को समझना चाहिए। बेवजह अधिक जांच लिखने से बचना चाहिए। वहीं, वीसी डॉ। बिपिन पुरी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रेषित किया। इस दौरान डीन एकेडमिक्स प्रो। एके सिंह, डीन डेंटल प्रो। एपी टिक्कू समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

दधीचि अवार्ड से किया गया सम्मानित

दीक्षांत समारोह के दौरान जिन परिजनों ने अपनों के निधन के बाद उनका अंगदान किया, उनका भी सम्मान गवर्नर द्वारा किया गया। इसमें सीमा साहू-वृंदावन साहू ने 22 वर्षीय ब्रज बिहारी साहू का, रेनु व अनिल श्रीवास्तव ने 22 वर्षीय दीक्षा श्रीवास्तव का, मालती देवी ने 40 राकेश सिंह, सरोज सिन्हा शैलेंद्र सिन्हा ने 64 वर्षीय अवध बिहारी सिन्हा का, कृष्ण मुरारी मिश्रा ने 25 वर्षीय निवेश मिश्रा का और हरि प्रसाद ने 35 वर्षीय वंदना का निधन उपरांत अंगदान किया।

मेधावियों ने दिए सक्सेस के मंत्र

मैं अपने जूनियर्स से यही कहना चाहूंगी कि नियमित पढ़ाई आपको सफलता तक पहुंचा सकती है। अपने हिसाब से घंटे तय करके लगातार पूरा ध्यान लगाकर पढ़ाई करें।

-महविश अहमद

चिकित्सा क्षेत्र में पढऩे को इतना कुछ होता है कि सब कवर कर पाना मुश्किल होता है। आपकी जिसमें रुचि हो उसे सही ढंग से पढ़ें और प्रैक्टिकल पर जरूर ध्यान दें। इससे आगे की पढ़ाई में लगने वाली मेहनत सही दिशा में जाएगी।

-दीपक बंसल

मैं अपने जूनियर्स से यही कहना चाहूंगी कि कंसिस्टेंसी बेहद जरूरी है। पढ़ाई का बीच में रुकना आपके आगे की भविष्य के लिए बाधा बन सकता है।

-अदिति चंद्रा

मेरा संदेश यह है कि किताब पढऩा एक बहुत अच्छा विकल्प है। शिक्षकों द्वारा कराई गई पढ़ाई के अलावा किताबें एक ऐसी सहायक हो सकती हैं, जो आपकी किसी भी बाधा का हल दे सकती हैं।

-गुंजन मेहता

पढ़ाई के अलावा क्लीनिकल कक्षाओं में भाग लेना और रुचि दिखाना आपको पारंगत बना सकता है, इसलिए नियमित पढ़ाई के साथ क्लीनिकल कक्षाओं पर भी ध्यान दें।

केजीएमयू के मेधावियों पर बरसा सोना-चांदी!

केजीएमयू के मेधावियों पर बरसा सोना-चांदी!

लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी के अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में शुक्रवार को केजीएमयू का 18वां दीक्षांत समारोह मनाया गया। इस मौके पर केजीएमयू के सबसे प्रतिष्ठित चांसलर, हीवेट और यूनिवर्सिटी गोल्ड मेडल से एमबीबीएस की महविश अहमद को सम्मानित किया गया, जबकि कुल 41 मेधावियों को मेडल से सम्मानित किया गया। इसमें 20 गोल्ड और तीन सिल्वर मेडल एमबीबीएस, 10 गोल्ड मेडल और चार सिल्वर मेडल डेंटल साइंस के स्टूडेंट्स को दिए गये। साथ ही, गठिया रोग विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ। एसके दास को गोल्ड व सिल्वर मेडल से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन, पद्मश्री, पद्मभूषण व बीसीराय अवार्डी डॉ। अनिल कोहली और अमेरिका में बसे भारतीय मूल के डॉ। मोइन अमेरिकी विकल्पों के फायदे और नुकसान जैदी को डीएचसी की उपाधि से नवाजा गया।

बताएं मोटा अनाज के फायदे

इस समारोह का हिस्सा बनीं गवर्नर और चांसलर आनंदीबेन पटेल ने कहा कि लोगों को अच्छी सेहत का संदेश देने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के आह्वान पर भारत 2023 को 'अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष' के रूप में मनाने जा रहा है। इसमें लोगों को मोटे अनाज के प्रति जागरूक किया जाएगा। ऐसे में, आप डॉक्टर्स को मोटा अनाज सेहत के लिए कितना फायदेमंद है, इसकी अहमियत लोगों को बतानी चाहिए। साथ ही, इसकी तरह-तरह की रेसिपी से लोगों को अवगत कराएं, ताकि वे पौष्टिक आहार का सेवन करें।

डॉक्टर्स-पैरामेडिक्स ने की कड़ी मेहनत

दीक्षांत समारोह में आगे बोलते हुए गवर्नर ने बताया कि चीन समेत अन्य देशों में कोरोना वायरस रफ्तार पकड़ रहा है। पर भारत में हालात फिलहाल काबू में हैं। हमारे वैज्ञानिकों ने एक साल में वैक्सीन बनाने का सफल काम किया। वहीं, डॉक्टर-पैरामेडिकल स्टाफ की अथक मेहनत और वैक्सीन प्रोग्राम की मदद से हम लोग सुरक्षित हैं। उन्होंने कठिन से कठिन स्थानों में पहुंचकर वैक्सीनेशन प्रोग्राम को सफल बनाने में मदद की है, जो वायरस से हमारी रक्षा करेगा। साथ ही, कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर हम लोग कोरोना से मुकाबला कर सकेंगे।

जी-20 के निवेश से मिलेगी आर्थिक मजबूती

भारत लगातार ताकतवर हो रहा है। इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि जी-20 के सदस्य भारत में निवेश करने आ रहे हैं। भारत के दूसरे देशों से रिश्ते भी सुधर रहे हैं। यूपी का माहौल व्यापार के लिहाज से भी बेहतर हुआ है। जी-20 के सदस्यों के निवेश से यूपी आर्थिक रूप से मजबूत होगा। केजीएमयू लगातार खुद को अपग्रेड कर रहा है। नए उपकरण से मरीजों को आधुनिक इलाज मुहैया करा रहा है। आर्गन डोनेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है। अंगदान के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है।

विदेशों में भी केजीएमयू का नाम

वहीं, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि इंवेस्टर अमेरिकी विकल्पों के फायदे और नुकसान मीट के लिए विदेश जाने का मौका मिला। विदेश में तमाम डॉक्टरों से मुलाकात हुई। बड़ी संख्या में केजीएमयू से पढ़ाई कर चुके डॉक्टर से भेंट हुई। डॉक्टरों ने कड़ी मेहनत कर केजीएमयू का गौरव बढ़ाया है। अब आप नए मेडिकल छात्रों पर केजीएमयू का मान आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी है। केजीएमयू बेहतर काम कर रहा है। ऐसे संस्थानों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार तैयार है। वहीं, चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि डॉक्टरों, खासकर नए डॉक्टरों को मरीजों से बात करनी चाहिए। उनके दर्द और भावनाओं को समझना चाहिए। बेवजह अधिक जांच लिखने से बचना चाहिए। वहीं, वीसी डॉ। बिपिन पुरी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रेषित किया। इस दौरान डीन एकेडमिक्स प्रो। एके सिंह, डीन डेंटल प्रो। एपी टिक्कू समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

दधीचि अवार्ड से किया गया सम्मानित

दीक्षांत समारोह के दौरान जिन परिजनों ने अपनों के निधन के बाद उनका अंगदान किया, उनका भी सम्मान गवर्नर द्वारा किया गया। इसमें सीमा साहू-वृंदावन साहू ने 22 वर्षीय ब्रज बिहारी साहू का, रेनु व अनिल श्रीवास्तव ने 22 वर्षीय दीक्षा श्रीवास्तव का, मालती देवी ने 40 राकेश सिंह, सरोज सिन्हा शैलेंद्र सिन्हा ने 64 वर्षीय अवध बिहारी सिन्हा का, कृष्ण मुरारी मिश्रा ने 25 वर्षीय निवेश मिश्रा का और हरि प्रसाद ने 35 वर्षीय वंदना का निधन उपरांत अंगदान किया।

मेधावियों ने दिए सक्सेस के मंत्र

मैं अपने जूनियर्स से यही कहना चाहूंगी कि नियमित पढ़ाई आपको सफलता तक पहुंचा सकती है। अपने हिसाब से घंटे तय करके लगातार पूरा ध्यान लगाकर पढ़ाई करें।

-महविश अहमद

चिकित्सा क्षेत्र में अमेरिकी विकल्पों के फायदे और नुकसान पढऩे को इतना कुछ होता है कि सब कवर कर पाना मुश्किल होता है। आपकी जिसमें रुचि हो उसे सही ढंग से पढ़ें और प्रैक्टिकल पर जरूर ध्यान दें। इससे आगे की पढ़ाई में लगने वाली मेहनत सही दिशा में जाएगी।

-दीपक बंसल

मैं अपने जूनियर्स से यही कहना चाहूंगी कि कंसिस्टेंसी बेहद जरूरी है। पढ़ाई का बीच में रुकना आपके आगे की भविष्य के लिए बाधा बन सकता है।

-अदिति चंद्रा

मेरा संदेश यह है कि किताब पढऩा एक बहुत अच्छा विकल्प है। शिक्षकों द्वारा कराई गई पढ़ाई के अलावा किताबें एक ऐसी सहायक हो सकती हैं, जो आपकी किसी भी बाधा का हल दे सकती हैं।

-गुंजन मेहता

पढ़ाई के अलावा क्लीनिकल कक्षाओं में भाग लेना और रुचि दिखाना आपको पारंगत बना सकता है, इसलिए नियमित पढ़ाई के साथ क्लीनिकल कक्षाओं पर भी ध्यान दें।

कॉन्टेक्ट नंबर सेव किए बिना WhatsApp पर इस तरह भेज सकते हैं मैसेज Truecaller यूज करने वालों के लिए अलग सुविधा

अगर आप Whatsapp पर किसी को मैसेज भेजना चाहते हैं लेकिन नंबर सेव नहीं करना चाहते तो इसके लिए एक ट्रिक है. इससे पहले भी Whatsapp ने कई चीजों को अपडेट के तौर पर शामिल किया अमेरिकी विकल्पों के फायदे और नुकसान है. इसमें एक Message yourself , Avatar और खई अन्य फीचर्स भी हैं.

Whatsapp Message

Whatsapp Message

gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 22 दिसंबर 2022,
  • (Updated 22 दिसंबर 2022, 10:26 AM IST)

WhatsApp मैसेजिंग ऐप में सबसे पॉपुलर ऐप में से एक है. ऐप के जरिए लोग मैसेज भेज सकते हैं, वीडियो कॉलिंग कर सकते हैं और पेमेंट भी भेज सकते हैं. कई बार ऐसा होता है कि कोई आपसे तुरंत रिप्लाई मांगता है लेकिन आप उसका नंबर Whatsapp सेव नहीं करना चाहते. तो आपके लिए एक ट्रिक है जिससे नंबर सेव किए बिना ही मैसेज भेजा जा सकता है.

वैसे अगर आपको जिसको मैसेज भेजना है किसी ने वो नंबर आपको भेजा हो या वो किसी ग्रुप का हिस्सा हो तो मैसेज भेजना और अमेरिकी विकल्पों के फायदे और नुकसान भी आसान हो जाता है. वहीं इससे पहले भी Whatsapp ने कई चीजों को अपडेट के तौर पर शामिल किया है. इसमें एक Message yourself , अवतार और खई अन्य फीचर्स भी हैं. Message yourself की मदद से यूजर खुद को मैसेज भेज सकते हैं. जैसे ही आप व्हाट्सऐप खोलेंगे आपको ऊपर New chat का ऑप्शन दिखेगा. इसमें आपको message yourself को चुनना होगा.

इन स्टेप्स को करें फॉलो
1. बिना सेव किए नंबर पर मैसेज भेजने के लिए Message yourself पर टैप करें. वह नंबर टाइप या पेस्ट करना होगा, जिसपर मैसेज भेजना चाहते हैं और इसे खुद को send करें.

2. नया नंबर आपको ब्लू कलर में दिखने लगेगा. इसपर टैप करते ही आपको तीन विकल्प दिखेंगे. chat with, कॉल ऑन व्हाट्सऐप और ऐड टू कॉन्टेक्ट्स ऑप्शन में से आपको चुनना होगा और चैट विंडो खुल जाएगी.

3. अब आप इस चैट विंडो में कोई भी मैसेज या मीडिया फाइल भेज सकते हैं और नंबर कॉन्टेक्ट्स लिस्ट में सेव करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

वहीं अगर आप ट्रूकॉलर का इस्तेमाल करते हैं, तो ऐप आपके लिए कॉन्टैक्ट नंबर सेव किए बिना सीधे मैसेज करना और आसान बना देगा.
- ट्रूकॉलर ऐप खोलें.
- सर्च बार में उस व्यक्ति का फोन नंबर टाइप करें जिससे आप चैट करना चाहते हैं.
- शख्स की ट्रूकॉलर प्रोफाइल खुल जाएगी.
- अब नीचे स्क्रॉल करें और प्रोफाइल में उपलब्ध व्हाट्सएप बटन पर टैप करें.
- व्हाट्सएप चैट विंडो खुलेगी.
- अब आप कॉन्टैक्ट नंबर सेव किए बिना मैसेज भेज सकते हैं.

त्वचा के लिए गुलकंद के सेवन से मिलने वाले फायदे

गुलाब की पंखुडिय़ों (rose petals) से सजा बेडरूम हो या गुलाबों से भरा बगीचा, यह देखने और मन दोनों को सुहावना अमेरिकी विकल्पों के फायदे और नुकसान लगता है। फिर भी, गुलाब की पंखुड़ियां उर्फ गुलकंद न केवल एक संपूर्ण सजावट का सामान हैं, बल्कि वे आपकी त्वचा को भी कई अद्भुत लाभ प्रदान करते हैं। यह आपकी त्वचा को एक प्राकृतिक उपचार देने का उच्च समय है जो न केवल समस्या का इलाज कर सकता है बल्कि आपकी त्वचा को भी शांत कर सकता है। मुहांसे, रूखेपन से अमेरिकी विकल्पों के फायदे और नुकसान लेकर सनबर्न, और तनी हुई त्वचा तक, आपको गुलकंद एक आदर्श त्वचा के अनुकूल साथी मिलेगा। आइए यहां इसकी गहराई से पड़ताल करें।

त्वचा के लिए गुलकंद के सेवन से मिलने वाले फायदे - Benefits Of Consuming Gulkand For The Skin In Hindi

1. एंटी-एक्ने (Anti-Acne)

क्या आप जानते हैं कि संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 40-50 मिलियन लोग मुँहासे का अनुभव करते हैं? क्या आप भी उन लोगों में से एक हैं जो मुहांसों की वजह से शर्मिंदगी महसूस करते हैं? यदि हां, तो आपने कई ओवर-द-काउंटर दवाएं, स्किनकेयर उत्पाद और क्या नहीं इस्तेमाल किया होगा। मनचाहा परिणाम नहीं मिल रहा है? जीवाणुरोधी गुलकंद का प्रयास करें जो मुँहासे के इलाज के लिए बेहद प्रभावी है। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए सबसे पहले अमेरिकी विकल्पों के फायदे और नुकसान गुलाब की पंखुड़ियों को कुचल लें और उन्हें चंदन पाउडर, गुलाब जल और शहद की कुछ बूंदों के साथ मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना लें। अगले चरण में इस पेस्ट को अपनी अमेरिकी विकल्पों के फायदे और नुकसान त्वचा पर लगाना शामिल है। इसे करीब 10 मिनट तक लगा रहने दें। इसके बाद गुनगुने पानी का उपयोग करके पेस्ट को हटा दें और फर्क महसूस करें।

2. डार्क सर्कल से बचाव करे (Prevent dark circles)

देर रात तक मूवी देखना, प्रोजेक्ट तैयार करना या बच्चों की देखभाल करना बदले में आपको काले घेरे दे सकता है।विशेष रूप से, काले घेरे आपकी सुंदरता को बुरी तरह प्रभावित कर सकते हैं, जिससे आप सुस्त और अनाकर्षक दिख सकते हैं। यदि आप उस महंगी सिंथेटिक अंडर-आई क्रीम पर विचार कर रहे हैं, तो थोड़ा इंतजार करें। हम पहले गुलकंद का उपयोग करने का सुझाव देंगे और आप हमें बाद में धन्यवाद देंगे। ताजा और पूरी तरह प्राकृतिक गुलाब जल पाने के लिए गुलकंद को फूड प्रोसेसर में डालें, 2 रुई लें और उन्हें गुलाब जल में भिगो दें और सोने से पहले 10 मिनट के लिए रोजाना अपनी आंखों के नीचे रखें।

3. परफेक्ट सनस्क्रीन (Perfect Sunscreen)

निस्संदेह, सूर्य की हानिकारक किरणें आपकी त्वचा के लिए निर्दयी हैं। हालांकि आप बाहर जाना बंद नहीं कर सकते, लेकिन गुलकंद के इस्तेमाल से आप उन किरणों को अपनी कीमती त्वचा को नुकसान पहुंचाने से रोक सकते हैं। धूप से बचाव के लिए विटामिन-C से भरपूर गुलकंद से गुलाब की पंखुड़ियां पीसकर ग्लिसरीन और खीरे के रस में मिलाकर पेस्ट बना लें, बाहर जाने से पहले इस पेस्ट को अपने चेहरे और गर्दन पर लगाएं और फिर जादू देखें।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

रेटिंग: 4.48
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 374