आज 1 बिटकॉइन की कीमत 28,23,404.94 रुपए है। तो वहीं अन्य Cryptocurrency जैसे कि Ethereum(ETH) की कीमत 1,Cryptocurrency क्या है और यह कैसे काम करती है 95,563 रुपए है और Tether(USDT) की कीमत 73.40 रुपए है। आपको बात दें की इन सभी मुद्राओं की कीमत हर रोज बदलती है। इसका पूरा कारोबार ऑनलाइन यानि की इंटरनेट पर होता है।

Bitcoin क्या है, बिटकॉइन की कीमत, यह कैसे काम करता है जानें यहां पर 1

क्रिप्टो करेंसी क्या होता है (कैसे काम करती है,कहां से खरीदें,कैसे इनवेस्ट करे,भविष्य, प्रकार)

क्रिप्टो करेंसी दरअसल, वित्तीय लेन-देन का एक जरिया है। बिल्कुल भारतीय रुपये और अमेरिकी डॉलर के समान, अंतर सिर्फ इतना है कि यह आभाषी है और दिखाई नहीं देती, न ही आप इसे छू सकते हैं। इसलिए इसे डिजिटल करेंसी भी कहते हैं।


इसका पूरा कारोबार ऑनलाइन माध्यम से ही होता है। जहां एक ओर किसी भी देश की करेंसी के लेन-देन के बीच में एक मध्यस्थ होता है, जैसे भारत में केंद्रीय बैंक, लेकिन क्रिप्टो के कारोबार में कोई मध्यस्थ नहीं होता और इसे एक नेटवर्क द्वारा ऑनलाइन संचालित किया जाता है। यही कारण है कि इसे अनियमित बाजार के तौर पर जाना जाता है, जो पल में किसी को अमीर बना देता है और एक झटके में उसे जमीन पर गिरा देता है। लेकिन बावजूद इस उतार चढ़ाव के इसको लेकर लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है।<

ब्लॉकचैन क्या है(what is Blockchain)

ब्लॉकचैन एक ऐसा डिजिटल लेजर है, क्रिप्टो करेंसी का लेन-देन करने के लिए जिस प्रणाली का इस्तेमाल किया जाता है उसे ब्लॉकचेन कहते हैं। ये डिजिटल करेंसी इनक्रिप्टेड (कोडेड) होती हैं। इसे एक कंप्यूटर नेटवर्क के जरिए नियंत्रित किया जाता है। इसमें प्रत्येक लेन-देन का डिजिटल हस्ताक्षर द्वारा सत्यापन किया जाता है। इसका रिकॉर्ड क्रिप्टोग्राफी की मदद से नियंत्रित होता है। यह सारा काम कंप्यूटर नेटवर्क के जरिए चलता है। क्रिप्टो करेंसी में कोई लेन-देन होता है तो इसकी जानकारी ब्लॉकचेन में दर्ज की जाती है, यानी उसे एक ब्लॉक में रखा जाता है।

  • यह एक डिजिटल लेजर है।
  • ब्लॉकचेन के डेटा को आसान से हैक नहीं किया जा सकता है।
  • इसमे होने वाली गतिविधियो को पता लगा जा सकता है।
  • (ट्रैंजेक्सन)लेन-देन की गति बहुत ज्यादा होती है

क्रिप्टोकरंसी कैसे काम करती है(How cryptocurrency works)

आसान भाषा में समझें तो क्रिप्टो करेंसी एक प्रकार की डिजिटल कैश प्रणाली है, जो एक निजी कंप्यूटर चेन से जुड़ी हुई है और कंप्यूटर एल्गोरिदम पर बनी है। इस पर किसी भी देश या सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। इसकी लोकप्रियता में इस कदर इजाफा हो रहा है कि कई देश इसे लीगल कर चुके हैं। अल सल्वाडोर में तो डिजिटल मुद्रा पर केंद्रित बिटक्वाइन सिटी बनाने की तैयारी भी शुरू हो चुकी है। क्रिप्टोकरंसी ब्लॉकचैन पर आधारित होती है और लेनदेन के डेटा को ब्लॉक में रखा जाता है और इसकी सुरक्षा क्रिप्टो माइनिंग द्वारा की जाती है और जो लोग क्रिप्टो माइनिंग करते हैं उन्हें क्रिप्टो माइनर्स के रूप में जाना जाता है।

  • क्रिप्टोकरंसी डिजिटल संपत्ति का एक रूप है |
  • यह विकेंद्रीकरण पर आधारित है और इसका मतलब है कि उस पर नियंत्रण केवल एक लोगों के पास नहीं है, दूसरे शब्दों में इसे एक व्यक्ति द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता है।
  • क्रिप्टोकरेंसी का आदान-प्रदान किया जा सकता है।
  • यह पूरी तरह से वर्चुअल सिक्का है और यह केवल ऑनलाइन उपलब्ध है।
  • इसमें पारदर्शिता है क्योंकि इसका अधिकांश कोड ओपन सोर्स है।

क्रिप्टो के नुकसान(Disadvantages of cryptocurrency)

  • क्रिप्टो का उपयोग गैर कनूनी कार्यों के लिए किया जाता है।
  • एक गलत लेनदेन के बाद, इसे पूरी तरह से पुनर्प्राप्त नहीं किया जा सकता है।
  • इसमें बड़ा जोखिम भी शामिल हो सकता है।
  • यह किसी एक संगठन या किसी व्यक्ति द्वारा संचालित नहीं है।
  • अगर आप क्रिप्टो वॉलेट की आईडी भूल जाते हैं, तो आपका सारा पैसा लूटा जा सकता है।
  • क्रिप्टो में बहुत सारे उतार-चढ़ाव हैं।

1983 में, अमेरिकी क्रिप्टोग्राफर डेविड चाउम(David chaum) ने ईकैश(eCash) नामक एक क्रिप्टोग्राफ़िक इलेक्ट्रॉनिक मुद्रा की कल्पना की। बाद में, 1995 में, उन्होंने डिजीकैश(Digicash) के माध्यम से इसे लागू किया, क्रिप्टोग्राफिक इलेक्ट्रॉनिक भुगतान का एक प्रारंभिक रूप जिसमें उपयोगकर्ता सॉफ़्टवेयर की आवश्यकता होती है ,जिसकी सहायता से कई प्रमुख कार्य किये जाते हैं|

क्रिप्टो करेंसी क्या है कैसे काम करती है | CryptoCurrency In Hindi (June 2022)

CryptoCurrency Kya Hai In Hindi: वर्तमान समय में Cryptocurrency क्या है और यह कैसे काम करती है क्रिप्टोकरंसी बहुत ही चर्चा का विषय बन रहा है और दिन प्रतिदिन इसकी लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है पर क्या आप जानते हैं क्रिप्टो करेंसी क्या है कैसे काम करती है | CryptoCurrency In Hindi (June 2022) , इसका इतिहास क्या है और इसके फायदे और इसके नुकसान

दोस्तों आज मैं आपको क्रिप्टो करेंसी के बारे में बहुत ही आसान भाषा से समझाने वाला हूं क्रिप्टो करेंसी दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है जिसमें क्रिप्टो का मतलब छिपा हुआ या गोपनीय होता है और करेंसी का मतलब मुद्रा या पैसा होता है

CryptoCurrency In Hindi

क्रिप्टो करेंसी क्या है ( CryptoCurrency In Hindi )

क्रिप्टो करेंसी एक वर्चुअल करेंसी तथा डिजिटल करेंसी है जिसे आप आम करंसी जेसे रुपए और डॉलर के तरह नहीं ना छू सकते हो ना ही पकड़ सकते हो क्योंकि यह एक डिजिटल करेंसी है जो सिर्फ ऑनलाइन कंप्यूटर में ही दिखती है और यह डिजिटल वॉलेट में सेव रहती है सबसे ज्यादा लोकप्रिय करेंसी बिटकॉइन है, जिसे आप अच्छे से जानते होंगे बिटकॉइन का पेमेंट भी एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में ऑनलाइन ही होता हैक्रिप्टो करेंसी एक ऐसी करेंसी है जिस पर किसी भी गवर्नमेंट अथॉरिटी या किसी भी देश या एजेंसी का कोई कंट्रोल नहीं है इसको कंट्रोल सब लोग करते हैं जो लोग इसे खरीदते हैं तथा जो लोग इसे बेचते हैं

क्रिप्टो करेंसी ब्लॉकचेन तकनीक के माध्यम से काम करती है जो इंक्रिप्टेड मतलब कोडेड होती है जिसे बहुत पावरफुल कंप्यूटर के द्वारा कंट्रोल किया जाता है

क्रिप्टो करेंसी का इतिहास

क्रिप्टो करेंसी की खोज संतोषी नाकामोतो ने 2008 में करी थी लेकिन आज तक यह नहीं पता चल पाया कि जो संतोषी नाकामोतो है क्या वह एक समूह है , क्या यह कोई व्यक्ति है और इन्होंने क्यों क्रिप्टोकरंसी को बनाया और यह कहां रहते हैं और कई ऐसे सवालों के जवाब आज तक किसी के पास नहीं हैक्रिप्टोकरंसी की खोज 2008 में होने के बाद इसका पहली बार मुद्रा के रूप में इसका इस्तेमाल 2009 में किया गया था और सबसे पहले क्रिप्टोकरंसी का नाम बिटकॉइन था जिसको संतोषी नाकामोतो ने बनाया था उस समय बिटकॉइन की कीमत मात्र ₹0 थी लेकिन आज एक बिटकॉइन की कीमत लगभग 23 लाख रुपया है

बिटकॉइन तो मानो जैसे एक ट्रेंड बन चुका है जिस किसी से भी क्रिप्टोकरंसी के बारे में पूछो तो वह सबसे पहले बिटकॉइन का नाम ही लेता है और ले भी क्यों ना क्योंकि वर्तमान समय में संसार का सबसे ज्यादा मूल्यवान और सबसे ज्यादा लोकप्रिय क्रिप्टोकरंसी बिटकॉइन ही है दूसरे नंबर में सबसे ज्यादा लोकप्रिय क्रिप्टोकरंसी का नाम एथेरियम है और इसकी जैसी कई लोकप्रिय क्रिप्टोकरंसी संसार में मौजूद है अब आपने बिटक्वॉइन, डॉजक्वाइन, लाइटक्वाइन, पोलकाडॉट, चेनलिंक, मूनक्वाइन लेकिन बिटकॉइन शुरू से मार्केट में अपना दबदबा बनाए हुए हैं https://bitcoin.org/hi/how-it-works

बिटकॉइन कैसे काम करती है? (How Does Bitcoin Work?)

पीयर-टू-पीयर तकनीक के कारण बिटकॉइन बिना किसी अथॉरिटी या बैंकों के बिना संचालित होता है। इसमे डिजिटल माध्यम से पेमेंट का मैसेज भेजना पड़ता है, जिसे दुनियभार में फैले विकेंद्रीकृत नेटवर्क के जरिए सत्यापित किया जाता है। बिटकॉइन ओपन-सोर्स है, जिसका अर्थ है कि इसका स्वामित्व किसी के पास नहीं है या इसका प्रबंधन नहीं करता है, और कोई भी भाग ले सकता है।

बिटकॉइन के कई अनूठे गुण इसे उन तरीकों से उपयोग करने की अनुमति देते हैं जो कोई अन्य भुगतान तंत्र नहीं कर पाया है।

बिटकॉइन वॉलेट क्या है? (What is Bitcoin Wallet?)

एक बिटकॉइन वॉलेट में दो चाबियां होती हैं: एक सार्वजनिक कुंजी और एक निजी कुंजी। ये चाबियां एक साथ काम करती हैं ताकि मालिक को लेनदेन शुरू करने और डिजिटल रूप से हस्ताक्षर करने की अनुमति मिल सके, जिससे authorization साबित हो सके।

आप क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के साथ खाता खोलकर, फंड ट्रांसफर करके और उस पूंजी से बिटकॉइन खरीदकर बिटकॉइन में निवेश शुरू कर सकते हैं। बता दें की कई क्रिप्टो एक्सचेंज यह सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।

आइए हम वज़ीरएक्स (WazirX) एक्सचेंज पर विचार करें, जिसमें एक त्वरित और आसान खाता खोलने की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, यह वेबसाइट उपयोग और लेनदेन में काफी आसान है, जिससे खाता खोलना और बिटकॉइन खरीदना आसान हो जाता है। वज़ीरएक्स की दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज, बिनेंस के साथ भी साझेदारी है।

निवेश करने से पहले बिटकॉइन के बारे में जानने योग्य बातें (Things to Know About Cryptocurrency क्या है और यह कैसे काम करती है Bitcoin Before Investing)

  1. बिटकॉइन श्वेत पत्र पढ़ें: एक श्वेतपत्र एक ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) का एक डिजिटल संस्करण है जो प्रोजेक्ट के हर एक पहलू का विवरण देता है। श्वेतपत्र एक तकनीकी दस्तावेज है जिसे संभावित निवेशकों को पूरी जानकारी प्रदान करने के लिए प्रत्येक प्रोजेक्ट के अनुसार अपनी वेबसाइट पर पोस्ट करता है।

2. अस्थिरता को समझना: लंबे समय से, आलोचकों ने इस बात पर जोर दिया है कि क्रिप्टोकरेंसी कितनी अप्रत्याशित हैं। यह किसी भी अन्य निवेश की तुलना में अधिक जोखिम भरा है, इसलिए आपको पता होना चाहिए कि यह एक उच्च जोखिम के साथ भी आता है।

3. कोई शासन नहीं: वर्तमान में, बिटकॉइन क्षेत्र को नियंत्रित करने वाले कोई बड़े नियम नहीं हैं। सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी पर कड़ा रुख नहीं अपनाया है क्योंकि यह अभी भी अपेक्षाकृत नवीन क्षेत्र है। हालांकि, अगर बिटकॉइन सरकारी मुद्रा के लिए एक प्रतियोगी बन जाता है, तो टैक्स की कमी की समस्या को पैदा कर सकती है।

cryptocurrency क्या है? जानिए क्रिप्टो करेंसी Cryptocurrency क्या है और यह कैसे काम करती है की पूरी जानकारी | what is cryptocurrency in hindi

cryptocurrency क्या है?

what is cryptocurrency in hindi (cryptocurrency क्या है?) ये सवाल आज हर उस व्यक्ति के मन में है जो ऑनलाइन तेजी से पैसा कमाना चाहता है। भारत में क्रिप्टोकरेंसी इस समय का सबसे बड़ा मुद्दा बनी हुई है। जहां दुनिया भर में cryptocurrency की लोकप्रियता में इजाफा हुआ है वहीं हमारे देश भारत में क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। आज हर कोई क्रिप्टो करेंसी की पूरी जानकारी लेना चाहता है। आज हम आपको बताएँगे आखिर क्रिप्टोकरेंसी क्या है और cryptocurrency किस तरह काम करती है?

cryptocurrency क्या है?

क्रिप्टोकरेंसी एक तरह की वर्चुअल करेंसी है। इसे डिजिटल करेंसी भी कहा जाता है। cryptocurrency का पूरा कारोबार ऑनलाइन के माध्यम से किया जाता है। क्रिप्टो करेंसी एक वित्तीय लेन-देन का जरिया है जो बिल्कुल रुपये या डॉलर के समान ही होता है। बस अंतर सिर्फ इतना है कि यह वर्चुअल यानी आभाषी होता है जो और दिखाई नहीं देती और इसे न ही आप छू सकते हैं। क्रिप्‍टोकरंसी एक तरह की प्राइवेट करेंसी है जिसे कोई सेंट्रल बैंक या सरकार नियंत्रित नहीं करते हैं।

क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है जिसे आप नोट या सिक्के की तरह अपने हाथ में ले नहीं सकते। cryptocurrency का कोई फिजिकल एग्जीस्टेंस नहीं होता है। यह वर्चुअल होती है और डिजिटल एसेट्स के रूप में मौजूद होती है। इसे क्रिप्टोग्राफी के जरिये सेक्योर किया जाता है। प्रत्येक क्रिप्टोकरेंसी एक यूनिक प्रोग्राम के कोड से बनाई जाती है। इसीलिए क्रिप्टोकरेंसी की पूरी की पूरी कॉपी बना लेना तकरीबन नामुमकिन होता है। आइये जानते है क्रिप्टो करेंसी (cryptocurrency क्या है?) से सम्बंधित कुछ अन्य जानकारी।

cryptocurrency का मतलब क्या है?

Cryptocurrency दो शब्दों से मिलकर बना है। इसमें पहला Crypto और दूसरा शब्द currency है। Crypto एक लैटिन भाषा का शब्द है जो की cryptography से बना है और जिसका हिंदी अर्थ होता है छुपा हुआ। Currency शब्द भी लैटिन भाषा के currentia से ईजाद हुआ है और इसे रुपये-पैसे के लिए इस्तेमाल किया जाता है। तो क्रिप्टोकरेंसी का पूरा मतलब हुआ छुपा हुआ पैसा या गुप्त पैसा जिसे हम डिजिटल रुपया भी कह सकते है।

किसने बनाई cryptocurrency?

एक्सपर्ट्स का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को 2009 में सतोशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) ने शुरू किया था। लेकिन इससे पहले भी कई देशों और कई बड़े निवेशकों ने डिजिटल मुद्रा के क्षेत्र में पहले भी काम किया था। आपको बता दें कि यूएस ने 1996 में मुख्य इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड बनाया था। यह ऐसा गोल्ड था जिसे रखा नहीं जा सकता था लेकिन इससे दूसरी चीजें खरीदी जा सकती थीं। इसे 2008 में बैन कर दिया गया। सन 2000 में नीदरलैंड ने पेट्रोल भरने के लिए कैश को स्मार्ट कार्ड से जोड़ा था।

अब ये प्रूफ-ऑफ-वर्क क्या है?

प्रूफ-ऑफ-वर्क एक ब्लॉकचेन सर्वसम्मति प्रोटोकॉल है, जिसके लिए एक गणितीय पहेली को हल करने के लिए एक माइनर की जरुरत होती है. बिटकॉइन और एथेरियम (वर्ज़न 2 से पहले) प्रूफ-ऑफ-वर्क मैथड का उपयोग करते हैं.

क्रिप्टो के अलावा, स्पैमर्स को रोकने के लिए, ईमेल के लिए PoW मैथड का एक बदलाव प्रस्तावित किया गया है. उदाहरण के लिए, यदि हर एक मैसेज को भेजे जाने से पहले केवल 15 सेकंड इंतजार करना पड़ता है, तो Cryptocurrency क्या है और यह कैसे काम करती है कंप्यूटर का उपयोग कभी भी हजारों मैसेज भेजने के लिए नहीं किया जा सकता है.

हालांकि, क्रिप्टो की दुनिया में प्रूफ-ऑफ-वर्क एक बहुत ही विवादास्पद विषय है. क्योंकि यह भारी मात्रा में बिजली का उपयोग करता है.

cryptocurrency mining

क्यों करनी पड़ती है क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग?

जैसा कि अब आप जान ही गए होंगे कि क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग का उपयोग नए कॉइन बनाने के साथ-साथ मौजूदा ट्रांजेक्शन को वैलिडेट करने के लिए किया जाता है. ब्लॉकचेन की डिसेंट्रलाइज्ड प्रकृति धोखेबाजों को एक ही समय में एक से अधिक बार क्रिप्टोकरेंसी खर्च करने की अनुमति दे सकती है, यदि कोई भी प्रमाणित ट्रांजेक्शन नहीं करता है. माइनिंग इस तरह की धोखाधड़ी को कम करती है और कॉइन में यूजर का विश्वास बढ़ाती है.

क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग के दो उद्देश्य हैं. यह नई क्रिप्टोकरेंसी तैयार करता है और यह ब्लॉकचेन पर मौजूदा क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजेक्शन की प्रामाणिकता की पुष्टि करता है.

ट्रांजेक्शन के एक ब्लॉक की पुष्टि करने की प्रक्रिया पूरी करने के बाद एक माइनर की प्रतिपूर्ति (reimburse) की जाती है. और बदले Cryptocurrency क्या है और यह कैसे काम करती है में उन्हें नई तैयार की गई क्रिप्टोकरेंसी मिलती है.

कैसे होती है क्रिप्टो माइनिंग?

क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग के लिए विशेष सॉफ्टवेयर वाले कंप्यूटरों की जरुरत होती है जो विशेष रूप से जटिल, क्रिप्टोग्राफिक गणितीय समीकरणों को हल करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं. टेक्नोलॉजी के शुरुआती दिनों में, बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को घरेलू कंप्यूटर पर एक साधारण सीपीयू चिप के साथ माइन किया जा सकता था. हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में, सीपीयू चिप्स बढ़ती कठिनाई के स्तर के कारण अधिकांश क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग में फैल होते नज़र आए.

आज के इस दौर में, क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग के लिए एक विशेष GPU या एक Application-Specific Integrated Circuit (ASIC) माइनर की आवश्यकता होती है. इसके अलावा, माइनिंग रिग में GPU को हर समय एक विश्वसनीय इंटरनेट कनेक्शन से जोड़ा जाना चाहिए. प्रत्येक क्रिप्टो माइनर को एक ऑनलाइन क्रिप्टो माइनिंग पूल का भी सदस्य होना आवश्यक है.

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