दिसंबर 2017 में एनपीए 10.41 प्रतिशत हो गया. यानी 7 लाख 70 हज़ार करोड़ रुपये.

बिजनेस::विदेशी मुद्रा भंडार 11 अरब डॉलर बढ़कर 561.16 अरब डॉलर पर

बिजनेस::विदेशी मुद्रा भंडार 11 अरब डॉलर बढ़कर 561.16 अरब डॉलर पर

मुंबई, एजेंसी। देश का विदेशी मुद्रा भंडार दो दिसंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान 11.02 अरब डॉलर बढ़कर 561.162 अरब डॉलर पर पहुंच गया। भारतीय रिजर्व खुद के लिए सबसे सुरक्षित मुद्रा कौन सी है? बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार चौथे सप्ताह तेजी आई है। पिछले सप्ताह देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 2.9 अरब डॉलर बढ़कर 550.14 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। वहीं 11 नवंबर को समाप्त सप्ताह में देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 14.72 अरब डॉलर की वृद्धि हुई थी। एक सप्ताह में दूसरी बार सबसे अधिक खुद के लिए सबसे सुरक्षित मुद्रा कौन सी है? वृद्धि हुई थी।

गौरतलब है कि अक्टूबर, 2021 में विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया था। वैश्विक घटनाक्रमों के बीच केंद्रीय बैंक के रुपये की विनियम दर में तेज गिरावट को रोकने के लिए मुद्रा भंडार का उपयोग करने की वजह से इसमें गिरावट आई। केंद्रीय बैंक ने कहा कि कुल मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा माने जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) दो दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 9.694 अरब डॉलर बढ़कर 496.984 अरब डॉलर हो गईं।

मोदी राज की मेहरबानी- अमीरों के 3 लाख करोड़ लोन खुद के लिए सबसे सुरक्षित मुद्रा कौन सी है? माफ़ हुए, मंत्री ने ट्वीट तक नहीं किया

मोदी सरकार के चार सालों में 21 सरकारी बैंको ने 3 लाख 16 हज़ार करोड़ के लोन माफ़ किए हैं. यह भारत के स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा के कुल बजट का दोगुना है. सख़्त और ईमानदार होने का दावा करने वाली खुद के लिए सबसे सुरक्षित मुद्रा कौन सी है? मोदी सरकार में तो लोन वसूली ज़्यादा होनी चाहिए थी, मगर हुआ उल्टा. एक तरफ एनपीए बढ़ता गया और दूसरी तरफ लोन वसूली घटती गई. The post मोदी राज की मेहरबानी- अमीरों के 3 लाख करोड़ लोन माफ़ हुए, मंत्री ने ट्वीट तक नहीं किया appeared first on The Wire - Hindi.

मोदी सरकार के चार सालों में 21 सरकारी बैंको ने 3 लाख 16 हज़ार करोड़ के लोन माफ़ किए हैं. यह भारत के स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा के कुल बजट का दोगुना खुद के लिए सबसे सुरक्षित मुद्रा कौन सी है? है. सख़्त और ईमानदार होने का दावा करने वाली मोदी सरकार में तो लोन वसूली ज़्यादा होनी चाहिए थी, मगर हुआ उल्टा. एक तरफ एनपीए बढ़ता गया और दूसरी तरफ लोन वसूली घटती गई.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली (फोटो: पीटीआई )

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली (फोटो: पीटीआई )

मोदी राज के चार साल में 21 सरकारी बैंको ने 3 लाख 16 हज़ार खुद के लिए सबसे सुरक्षित मुद्रा कौन सी है? करोड़ रुपये के लोन माफ कर दिए हैं. क्या वित्त मंत्री ने आपको बताया कि उनके राज में यानी अप्रैल 2014 से अप्रैल 2018 के बीच तीन लाख करोड़ रुपये के लोन माफ किए गए हैं?

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