जब खाली हो गया था भारत का विदेशी मुद्रा भंडार
– 1990 में भारत पर जबरदस्त आर्थिक संकट आया था. जून 1991 तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खाली हो गया था. उसके पास कारोबार करने तक के पैसे नहीं बचे थे.
– भारत की अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई थी. महंगाई भी जबरदस्त बढ़ गई थी. सरकार ने आयात रोक दिया था. IMF ने भारत को 1.27 अरब डॉलर का कर्ज दिया, लेकिन ये नाकाफी था. हालात ऐसे बन गए थे जिसने भारत को 20 टन सोना गिरवी रखने को मजबूर कर दिया.
– उस समय राजनीतिक अस्थिरता की वजह से भी भारत दिवालिया होने की कगार पर खड़ा हो गया था. जून 1991 में पीवी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री बने. उनकी सरकार में मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) वित्त मंत्री बने. मनमोहन सिंह ने कई सारे सुधार किए जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था पटरी पर आई.
निफ्टी 50: अपट्रेंड बरकरार है, लेकिन 'संघर्ष' शुरू!
इसमें कोई संदेह नहीं है कि बेंचमार्क निफ्टी 50 इंडेक्स 18 अक्टूबर 2022 को 17,428 के स्तर को तोड़ने के बाद से उच्च ऊंचाई तक बढ़ रहा है। बाजार ने अपने रास्ते में कई गिरावट दिए बिना सीधे एक रन में रैली की है। 3 नवंबर बिना निवेश के विदेशी मुद्रा पर पैसे कैसे कमाए 2022 को, जब बाजार एक अच्छे अंतराल के साथ खुला, तो मुझे लगा कि बिना निवेश के विदेशी मुद्रा पर पैसे कैसे कमाए सुधार शुरू हो गया है, लेकिन गिरावट के तुरंत बाद नई ऊँचाइयों का पीछा किया, जिससे अपट्रेंड बरकरार रहा।
इसलिए, व्यापक प्रवृत्ति अभी भी काफी तेज है और अब तक कोई डाउनट्रेंड नहीं दिख रहा है क्योंकि यहां तक कि थोड़ी सी भी गिरावट निवेशकों द्वारा आक्रामक रूप से खरीदी जाती है। उसके ऊपर, पिछले 3 सत्रों में रुपया काफी मजबूत हुआ, USDINR नवंबर वायदा अनुबंध 83.03, 3 दिन पहले से गिरकर 81.46 के सीएमपी पर आ गया, जो लगभग 1.9% की गिरावट है! यह भारतीय बाजारों के लिए काफी अनुकूल है।
श्रीलंका के आर्थिक संकट की वजह ‘विदेशी मुद्रा भंडार’, जानिए पूरा मामला
नई दिल्ली। भारत (India) का पड़ोसी श्रीलंका (Neighboring Sri Lanka) सबसे खतरनाक आर्थिक संकट (Economic Crisis) से जूझ रहा है। श्रीलंका के ऊपर इतना कर्ज हो गया है कि वो ‘दिवालिया’ होने की कगार पर आ गया है। आर्थिक संकट की वजह से वहां महंगाई आसमान (inflation skyrocketing) छू रही है. श्रीलंका की इस हालत के पीछे बड़ी वजह जो सामने आ रही है, वो है उसका फॉरेन करेंसी रिजर्व यानी विदेशी मुद्रा भंडार. श्रीलंका के पास अब इतनी विदेशी मुद्रा भी नहीं है कि वो अपनी जरूरत का सामान आयात कर सके।
पिछले साल मार्च में श्रीलंका सरकार ने विदेशी मुद्रा भंडार बिना निवेश के विदेशी मुद्रा पर पैसे कैसे कमाए बढ़ाने के लिए आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था. इससे चीनी और ईंधन जैसी जरूरी चीजों की कमी भी हो गई थी. हालांकि, इसका बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जुलाई 2019 में श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार 7.5 अरब डॉलर का था, जो नवंबर 2021 में घटकर 1.6 अरब डॉलर का रह गया।
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श्रीलंका अपना विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने के लिए मदद मांग रहा है. उसने चीन से भी मदद मांगी है. हालांकि, चीन की ओर से अभी तक मदद नहीं दी गई थी. श्रीलंका ने भारत से भी मदद मांगी थी. भारत की ओर से श्रीलंका को 900 मिलियन डॉलर का कर्ज दिया जा रहा है।
श्रीलंका पर कितना कर्ज?
श्रीलंका के वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे (Basil Rajapaksa) ने इस बात को माना है कि उनका देश भारी कर्ज से जूझ रहा है. उन्होंने स्थानीय मीडिया से बात करते हुए कहा था कि श्रीलंका पर चीन, भारत और जापान का कर्ज है।
उन्होंने बताया था कि श्रीलंका को इस साल 7 अरब डॉलर का कर्ज चुकाना है. इसमें से 500 मिलियन डॉलर का कर्ज 18 जनवरी तक देना है. श्रीलंका को अगले 5 साल में 26 अरब डॉलर का कर्ज चुकाना है।
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Fixed Deposit : भारतीय रिजर्व बैंक फिक्स्ड डिपोजिट यानी बैंक में जमा पैसे पर ब्याज दर जल्द बढ़ा सकता है. बीते शनिवार को रिजर्व बैंक ने एक रिपोर्ट जारी कि थी और कहा था कि आने वाले दिनों में बैंकों को फिक्स्ड डिपोजिट पर ब्याज बढ़ाना ही पड़ेगा. आरबीआई ने इसके पीछ वजह बताई थी कि बैंक डिपोजिट की तुलना में क्रेडिट ग्रोथ तेजी से बढ़ोतरी हो रही है.
भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत
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