बीनर के अनुसार, यह गति टेडी-मेड़ी गति कोलॉइडी कणों के परिक्षेपण माध्यम के अणु के साथ असमान रूप से टकराने से उत्पन्न होती है।

What is Rivet | How many types of rivet

किसी मशीन के भागो अथवा सतहो को आपस में जोड़ने के लिए जिसका प्रयोग किया जाता है, उसे बंधक (Fasteners) कहते हैं। यह कार्य अनुसार स्थाई अथवा अस्थाई होते हैं। किन्हीं दो भागों का आपस में जोड़ना बंधन (Fasteners) कहलाता है अतः बंधक का मुख्यतः दो भागों में वर्गीकरण किया गया है
1- अस्थाई बंधक ( Temporary Fasteners)
2- स्थाई बंधक (Permanent Fasteners)

अस्थाई बंधक ( Temporary Fasteners)

इसमें मशीन अथवा सतहो के भागों को बिना हानि पहुंचाए बड़ी सफलता से अलग अलग किया जा सकता है। इसका उपयोग प्रायः उस अवस्था में किया जाता है, जबकि वस्तु के भागों को बांधने के बाद अक्सर अलग अलग करना पड़ता है। जैसे :- नट, बोल्ट, पेज, की, काटर और पिन इत्यादि।

स्थाई बंधक (Permanent Fasteners)

इसमें मशीन के भागो अथवा सतह के भागों को स्थाई रूप से जोड़ दिया जाता है, ताकि बिना टूटे उन्हें फिर से अलग – अलग नहीं किया जा सके इसके लिए रिवेटिंग, वेल्डिंग, सोल्डिंग और ब्रेजिंग आदि का उपयोग किया जाता है।

रिवेट क्या है? ( What is Rivet? )

रिविट तन्यता धातु की कम लंबाई की बेलनाकार वस्तु है, जिसके ऊपरी हिस्से पर हैंड तथा दूसरी तरफ पूछ – सी बनी होती है। रिविट के मध्य भाग जो कि हैंड Zig Zag का परिचय और पूछ के बीच होता है, शैंक (Shank) कहलाता है। शैंक का व्यास ( D) जोड़ने वाली प्लेटों की मोटाई पर निर्भर करता है।

रिविट का उपयोग

रिविट का उपयोग धातु की चादरों, पानी के जहाज, हवाई जहाज, बॉयलर आदि को जोड़ने के लिए किया जाता है। रिविट माइल्ड स्टील, अल्मुनियम तथा अलौह धातु की बनी होती है।

रिविट के प्रकार ( Type of Rivets )

यह विभिन्न प्रकार की होती हैं, तथा कार्य अनुसार इनका चयन किया जाता है। जैसे बॉयलर कार्य के लिए स्नेप हेड, कोनिकल हेड, एलिप्सोडायल हेड का प्रेक्षण किया जाता है स्नेप हैड रिविट को मशीन के भागों को जोड़ने के लिए प्रयोग किया जाता है।

रिवेट जोड़ के प्रकार(Types of Rivet Joints)

प्लेटो को आपस में जोड़ने के लिए उनकी व्यवस्था के आधार पर रिविट जोड़ दो प्रकार के होते है ?
1 – लैप जोड़ ( Lap Joints )
2 Zig Zag का परिचय – बट जोड़ ( Butt Joints )

लैप जोड़ ( Lap Joints )

जब किसी दो प्लेटों के किनारों को एक – दूसरे के ऊपर रख कर रिविटो को दोनों प्लेटो से गुलजार कर रिविट ज्वाइंट लगाया जाए, वह लैप जोड़ कहलाता Zig Zag का परिचय है।
रिविटो की पत्ती अनुसार लैप जोड़ निम्न प्रकार के होते हैं :
1 – सिंगल रीविट जोड़(Single Rivet Joint )
2 – डबल रीविट जोड़( Double Rivet Joint)
3 – जिग – जेग रीविट जोड़( Zig – Zag Zig Zag का परिचय Rivet Joint)

बट जोड़ ( Butt Joints )

Zig Zag का परिचय

दूरभाष: +86-335-7022586
फैक्स: +86-335-7022586
मोब: +8618033588988
ईमेल:[email protected]
जोड़ें: Shimen Town Industrial Park, Lulong County, Qinhuangdao City, Hebei प्रांत, चीन

हाइड्रोलिक इंटरलॉकिंग ईंट एक उच्च असर क्षमता वाली इंटरलॉकिंग ईंट है, जिसे दर्जनों टन भार वाले ट्रकों द्वारा बार-बार लुढ़काया जा सकता है। इस तरह के चेन ब्लॉक को डॉक ब्रिक भी कहा जाता है। यह एक तरह की ईंट है जिसका इस्तेमाल बड़े घाटों और फ्रेट यार्ड में किया जाता है। यह बड़े पैमाने पर लोड-असर फुटपाथ के लिए उपयुक्त है। यह विशेष रूप से डिजाइन और संसाधित ईंट का एक प्रकार है। घाट श्रृंखला ईंट की विशेषता इसका आकार है, जो आपसी संबंध के लिए अनुकूल है और ईंटों के बीच खिंचाव है, आकार से बाहर जाना आसान नहीं है, और इसमें मजबूत असर क्षमता है। इसे घाट और बंदरगाह द्वारा अपनाया जाता है, इसलिए एस-आकार की ईंट को घाट ईंट भी कहा जाता है। इंटरलॉकिंग ढलान संरक्षण कठोर सतह पाठ्यक्रम और लचीली संरचना की डिजाइन अवधारणा को अपनाता है। इंटरलॉकिंग कंक्रीट ब्लॉकों के बीच इंटरलॉकिंग डिज़ाइन पूरे फुटपाथ को संरचना की स्थिरता बनाए रखता है।

What is Rivet | How many types of rivet

किसी मशीन के भागो अथवा सतहो को आपस में जोड़ने के लिए जिसका प्रयोग किया जाता है, उसे बंधक (Fasteners) कहते हैं। यह कार्य अनुसार स्थाई अथवा अस्थाई होते हैं। किन्हीं दो भागों का आपस में जोड़ना बंधन (Fasteners) कहलाता है अतः बंधक का मुख्यतः दो भागों में वर्गीकरण किया गया है
1- अस्थाई बंधक ( Temporary Fasteners)
2- स्थाई बंधक (Permanent Fasteners)

अस्थाई बंधक ( Temporary Fasteners)

इसमें मशीन अथवा सतहो के भागों को बिना हानि पहुंचाए बड़ी सफलता से अलग अलग किया जा सकता है। इसका उपयोग Zig Zag का परिचय प्रायः उस अवस्था में किया जाता है, जबकि वस्तु के भागों को बांधने के बाद अक्सर अलग अलग करना पड़ता है। जैसे :- नट, बोल्ट, पेज, की, काटर और पिन इत्यादि।

स्थाई बंधक (Permanent Fasteners)

इसमें मशीन के भागो अथवा सतह के भागों को स्थाई रूप से जोड़ दिया जाता है, ताकि बिना टूटे उन्हें फिर से अलग – अलग नहीं किया Zig Zag का परिचय जा सके इसके लिए रिवेटिंग, वेल्डिंग, सोल्डिंग और ब्रेजिंग आदि का उपयोग किया जाता है।

रिवेट क्या है? ( What is Rivet? )

रिविट तन्यता धातु की कम लंबाई की बेलनाकार वस्तु है, जिसके ऊपरी हिस्से पर हैंड तथा दूसरी तरफ पूछ – सी बनी होती है। रिविट के मध्य भाग जो कि हैंड और पूछ के बीच होता है, शैंक (Shank) कहलाता है। शैंक का व्यास ( D) जोड़ने वाली प्लेटों की मोटाई पर निर्भर करता है।

रिविट का उपयोग

रिविट का उपयोग धातु की चादरों, पानी के जहाज, हवाई जहाज, बॉयलर आदि को जोड़ने के लिए किया जाता है। रिविट माइल्ड स्टील, अल्मुनियम तथा अलौह धातु की बनी होती है।

रिविट के प्रकार ( Type of Rivets )

यह विभिन्न प्रकार की होती हैं, तथा कार्य अनुसार इनका चयन किया जाता है। जैसे बॉयलर कार्य के लिए स्नेप हेड, कोनिकल हेड, एलिप्सोडायल हेड का प्रेक्षण किया जाता है स्नेप हैड रिविट को मशीन के Zig Zag का परिचय भागों को जोड़ने के लिए प्रयोग किया जाता है।

रिवेट जोड़ के प्रकार(Types of Rivet Joints)

प्लेटो को आपस में जोड़ने के लिए उनकी व्यवस्था के आधार पर रिविट जोड़ दो प्रकार के होते है ?
1 – लैप जोड़ ( Lap Joints )
2 – बट जोड़ ( Butt Joints )

लैप जोड़ ( Lap Joints )

जब किसी दो प्लेटों के किनारों को एक – दूसरे के ऊपर रख कर रिविटो को दोनों प्लेटो से गुलजार कर रिविट ज्वाइंट लगाया जाए, वह लैप जोड़ कहलाता है।
रिविटो की पत्ती अनुसार लैप जोड़ निम्न प्रकार के होते हैं :
1 – सिंगल रीविट जोड़(Single Rivet Joint )
2 – डबल रीविट जोड़( Double Rivet Joint)
3 – जिग – जेग रीविट जोड़( Zig – Zag Rivet Joint)

बट जोड़ ( Butt Joints )

हार्डीशल्जे नियम

स्कंदन क्रिया में वैद्युत अपघट्य की स्कंदन क्षमता आयन पर उपस्थित आवेश के परिमाण पर निर्भर करती है आयन पर जितना अधिक आवेश होता है उसकी स्कंदन क्षमता उतनी ही अधिक होती है।

यह किसी रक्षी कोलॉइड की मिलीग्राम में वह मात्रा है जो मानक गोल्ड हाइड्रोसॉल के 10 ml में डाले जाने पर इसका एक1ml, 10% NaCl होने वाले स्कंदन को रोकता है।

अधिशोषण के फ्राउण्डलिक समतापी क्या हैं ?

उत्तर-फ्राउण्डलिक ने ठोस अधिशोषक के इकाई द्रव्यमान द्वारा एक निश्चित ताप पर अधिशोषित गैस की मात्रा एवं दाब के मध्य निम्न प्रायोगिक सम्बन्ध दिया

जहाँ p दाब पर m द्रव्यमान के अधिशोषक द्वारा अधिशोषित गैस का द्रव्यमान x है,k तथा n किसी विशिष्ट अधिशोषक तथा गैस के लिए स्थिरांक हैं।

– वp के मध्य खींचा गया ग्राफ फ्राउण्डलिक समतापी कहलाता है।

पायस

यह एक द्रव-द्रव कोलॉइड निकाय है। इसमें एक द्रव दूसरे द्रव परिक्षिप्त रहता है अर्थात् परिक्षिप्त प्रावस्था व परिक्षेपण माध्यम दोनों ही द्रव अवस्था में पाये जाते हैं, जैसे-दूध आदि।

  1. साबुन से कपड़े साफ करना-
  2. जल का शुद्ध करना
  3. धुआँ अवक्षेपण
  4. नदियों के डेल्टे में
  5. आकाश का नीला दिखायी पड़ना
  6. उद्योग में-

कोलॉइडी विलयन aapko achhi tarah se samajh aa gya hai

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