Investment Tips: कम निवेश में मिलेगा लाखों का मुनाफा, बस करना होगा यह काम
अगर आप भी करोड़पति बनने का सपना देख रहे हैं तो SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश कीजिए. इसमें आपको औसतन 12 फीसदी का रिटर्न मिल जाता है. कई बार तो 14 और 15 फीसदी का भी रिटर्न मिल जाता है. इसके जरिए आप करोड़ों रुपए का फंड जमा कर सकते हैं.
Newz Fast, New Delhi अगर आप भी नौकरीपेशा है तो आपके लिए यह काम की खबर है। नौकरीपेशा लोगों को सिर्फ अपनी सैलरी के सहारे ही अपनी जरुरतों को पूरा करना होता है।
लेकिन अगर आप बचत और निवेश को भी अपनी जरुरत में शामिल करेंगे तो करोड़पति बनने का सपना पूरा किया जा सकता है। आज ऐसे कई सारे ऑप्शन है जो आपको कम निवेश में बेहतर रिटर्न देते हैं और कुछ ही समय में आपके फंड को दोगुना और चौगुना कर देते हैं।
अगर आप भी करोड़पति बनने का सपना देख रहे हैं तो SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश कीजिए. इसमें आपको औसतन 12 फीसदी का रिटर्न मिल जाता है. कई बार तो 14 और 15 फीसदी का भी रिटर्न मिल जाता है. इसके जरिए आप करोड़ों रुपए का फंड जमा कर सकते हैं.
20 सालों में बन जाएंगे करोड़पति
आज के समय में 50 से 60 हजार की सैलरी कमाना कोई बड़ी बात नहीं आप अपनी रकम को कैसे कर सकते हैं दोगुना है. मान लीजिए कि आप हर महीने 60 हजार रुपए कमाते हैं.
अगर आप अपने भविष्य को बेहतर बनाना चाहते हैं तो खर्चों को सीमित करें और सैलरी में से हर महीने 10 हजार रुपए हर हाल में बचाएं. इन 10 हजार रुपए को आप SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश कीजिए. इस निवेश को कम से कम 20 सालों के लिए बनाए रखें.
अगर आप 10 हजार रुपए महीने में निवेश करेंगे तो एक साल में 1,20000 और 20 सालों में 2400000 रुपए निवेश करेंगे. SIP Calculator के मुताबिक अनुमानित सालाना रिटर्न 12 फीसदी के हिसाब आप अपनी रकम को कैसे कर सकते हैं दोगुना से 20 साल बाद आपके 99,91,479 रुपए यानी करीब 1 करोड़ रुपए का फंड तैयार हो जाएगा.
इस तरह 2400000 रुपए के निवेश पर आपको 75,91,479 रुपए यानी करीब 76 लाख रुपए का मुनाफा होगा.
क्यों मुनाफे का सौदा है SIP
अब सवाल उठता है कि SIP में इतना तगड़ा रिटर्न कैसे मिलता है? इस मामले में फाइनेंशियल एक्सपर्ट शिखा चतुर्वेदी कहती हैं कि SIP में आप अपनी रकम को कैसे कर सकते हैं दोगुना आपको कम्पाउंडिंग का फायदा मिलता है.
SIP जितना लंबे समय के लिए होगी कम्पाउंडिंग आप अपनी रकम को कैसे कर सकते हैं दोगुना का फायदा उतना ज्यादा होगा. कम्पाउंडिंग के तहत आपको केवल उसी रकम पर रिटर्न नहीं मिलता, जिसे आपने निवेश किया है. बल्कि आपको पहले के मिले रिटर्न पर भी रिटर्न मिलता है.
हालांकि कई बार बाजार में उतार-चढ़ाव पर फंड की परफॉर्मेंस पर असर पड़ सकता है. ज्यादातर देखा गया है कि SIP औसतन 12 फीसदी सालाना के हिसाब से तो रिटर्न दे ही देती है. वहीं अगर 14 या 15 फीसदी तक रिटर्न दिया तो आपको निवेश की गई रकम पर और भी जबरदस्त मुनाफा हो सकता है.
‘द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर’ बुक से निवेश करने के 5 सीक्रेट: इन्वेस्टर बने स्पेक्युलेटर नहीं, भेड़ चाल से बचें
क्या आप को पता है वारेन बफे निवेश के लिए किस किताब से सबसे ज्यादा प्रभावित और प्रेरित थे? जी हां, आप अपनी रकम को कैसे कर सकते हैं दोगुना वह किताब है बेंजामिन ग्राहम की लिखी किताब ‘द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर’। पुस्तक के लेखक को वारेन बफे अपने जीवन में पिता के बाद दूसरे प्रभावशाली व्यक्ति का दर्जा देते हैं।
अमीर बनो, सुरक्षित बनो
क्या आप भी अमीर बनना चाहते हैं? यदि नहीं भी चाहते हैं तो महंगाई से सुरक्षा के लिए आपकी बचत को सही जगह निवेश किए जाने की आवश्यकता होगी। अन्यथा महंगाई की दर एक समय में आपकी बचत को शून्य कर देगी। तो आइए जानते हैं दुनिया के सबसे आमिर व्यक्तियों में से एक वारेन बफे को प्रेरित करने वाली बेस्ट सेलिंग किताब ‘द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर’ में क्या लिखा है।
सम्पूर्ण पुस्तक किताब इंटरनेट पर हिंदी और अंग्रेजी भाषाओँ में फ्री उपलब्ध है, और कई विशेषज्ञों के अनुसार किताब का चैप्टर 2 और Eight सबसे महत्वपूर्ण है। आज जानते हैं पुस्तक के पांच सबसे बड़े निवेश रहस्यों के बारे में
क्रांतिकारी किताब के 5 बड़े सीक्रेट
1) इंटेलिजेंट इन्वेस्टर कौन है (Who’s an ‘clever investor’)
इंटेलिजेंट इन्वेस्टर में कौन से गुण होना चाहिए? पुस्तक में इसका उत्तर ग्राहम यह बताते हैं कि इन्वेस्टर को शांत, धैर्यवान और डिसिप्लिनड होना चाहिए, उसे सीखने के लिए उत्सुक होना चाहिए। निवेश की दुनिया में निवेशक खुद ही अपना सबसे बड़ा शत्रु होता है। अपने लालच और इमोशंस पर नियंत्रण ना होने के कारण वह खुद ही स्टॉक्स एंड शेयर्स को गलत समय पर खरीदता और बेचता है।
ग्राहम कहते हैं मार्केट में रिस्क हमेशा रहेगा उसे कभी हटाया नहीं जा सकता, जरूरत है भरपाई ना हो सकने वाले नुकसान को कम कैसे करें, लम्बे समय तक होने वाले फायदे को कैसे बनाएं। इसके लिए खुद को हराने वाले बिहेवियर पर नियंत्रण जरूरी है।
2) इन्वेस्टर (निवेशक) बने स्पेक्युलेटर (सट्टेबाज) नहीं (Be an investor not a speculator)
आगे समझाते हुए ग्राहम लिखते हैं कि इन्वेस्टर और स्पेक्युलेटर दो अलग-अलग व्यक्ति होते हैं।
जहां इन्वेस्टर अपनी स्वयं की रिसर्च कर लम्बे समय के लिए निवेश करते हैं वहीं स्पेक्युलेटर टीवी प्रोग्राम्स, हिंट्स, ट्रिक्स इत्यादि पर भरोसा करके डेली बेसिस पर लाभ कमाने की कोशिश करता है। इन्वेस्टर ‘सेफ्टी ऑफ केपिटल’ पर ध्यान देते हैं, जबकि स्पेक्युलेटर ‘प्रॉफिट’ पर। आगे वे पेसिव एंड एक्टिव इन्वेस्टर की बात करते हैं।
Three) भेड़ चाल से बचें (Keep away from herd mentality)
मि मार्केट के काल्पनिक किरदार द्वारा ग्राहम यह समझाने की कोशिश करते हैं की इंटेलिजेंट इन्वेस्टर को भेड़चाल से बचना चाहिए। मनुष्य भी एक प्रजाति के तौर पर भेड़ों की तरह का ‘ग्रुप बिहेवियर’ शो आप अपनी रकम को कैसे कर सकते हैं दोगुना करते हैं।
आप स्वयं एक प्रयोग कर के देख सकते हैं। जब आप अपने Three-Four दोस्तों के साथ कहीं जा रहे हो, तो चलते-चलते अचानक झुक कर बचने का नाटक कीजिए (जैसे आप किसी फेंकी हुई या गिर रही वस्तु से बचने का प्रयास कर रहे हैं) आप पाएंगे आप के साथ चलने वाले लोग भी थोड़ा आप ही की तरह झुक जाएंगे और बचने का प्रयास करेंगे हालांकि उन्हें नहीं पता की वे ऐसा क्यों कर रहे हैं।
यह मनुष्य का प्रजातिगत स्वाभाविक व्यवहार है, शेयर मार्केट में भी यह ही झलकता है: जब मार्केट में बिकवाली चालू होती हैं तो हर कोई बिना सोचे समझे अपने शेयर्स बेचने लगता हैं जिससे मार्केट बियरीश या मंदा हो जाता हैं ठीक उसी तरह जब कुछ बड़े निवेशक खरीददारी शरू करते हैं तो लोग बिना सोचे समझे खरीदी शुरू कर देते हैं और मार्केट बुलिश अर्थात तेज हो जाता है।
इंटेलिजेंट इन्वेस्टर से ग्राहम इस ‘फंदे’ में ना फंसने की उम्मीद करते हैं। वास्तव में इसका ठीक उल्टा करने को कहते हैं अर्थात जब, मार्केट नीचे गिरे तो शेयर्स खरीदें और ऊपर उठे तो शेयर्स बेचें।
Four) प्रॉमिस ऑफ एडिक्वेट रिटर्न (संतोषजनक लाभ) और मार्जिन ऑफ सेफ्टी
इसे समझाते हुए ग्राहम का कहना है कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए संतोषजनक लाभ अलग-अलग होता है और उसी के आप अपनी रकम को कैसे कर सकते हैं दोगुना अनुसार यह तय होना चाहिए कि निवेश कहां करें।
यदि किसी व्यक्ति के लिए संतोषजनक लाभ निवेश की गई राशि का 7 -Eight% प्रतिवर्ष का है तो बैंक फिक्स्ड डिपाजिट भी उस व्यक्ति के लिए निवेश है, यदि किसी व्यक्ति का यह टारगेट 10-11% है तो यह गोल्ड भी हो सकता है और यदि 15-16% हैं तो यह म्यूचुअल फंड भी हो सकता है।
साथ ही ग्राहम मार्जिन ऑफ सेफ्टी को बनाए रखने की भी सीख देते हैं। मान लीजिए की किसी स्टॉक को आप 100 रूपए में खरीदने की सोच रहे हैं तो मार्जिन ऑफ सेफ्टी को बनाते हुए इसे आप 80 रूपए में खरीदें। ऐसा करना अप्रत्याशित स्थितियों में आपके फंड को सुरक्षा प्रदान करेगा।
5) अपनी सभी आशा एक ही पर न लगा दें (Don’t put your eggs in a single basket)
ग्राहम अपने फंड्स को डाइवर्सिफाई करने की सलाह देते हैं अर्थात किसी भी एक ही सेक्टर या कम्पनी के शेयर्स न खरीदें।
हम नहीं आप अपनी रकम को कैसे कर सकते हैं दोगुना जानते की भविष्य में क्या होगा, कौनसा कम्पनी या सेक्टर ऊपर जाएगा। इस लिए अलग-अलग क्षेत्रों की कंपनियों के स्टॉक्स खरीदें उनमें कुछ पर आपको बहुत अच्छा लाभ होगा, कुछ पर थोड़ा और कुछ पर कम होगा, जो औसत निकालने पर एक हेल्दी रिटर्न होगा।
उम्मीद करता हूं, पुस्तक का मेरे द्वारा किया गया एनेलिसिस आपके लिए उपयोगी साबित होगा।
आज का करिअर फंडा यह है कि निवेश के सुनहरे नियमों को जानकर अपनी मेहनत से कमाए धन को धैर्यपूर्वक दोगुना चौगुना बनाएं और जीवन में सफलता प्राप्त करें।
करिअर फंडा कॉलम आपको लगातार सफलता के मंत्र बताता है। जीवन में आगे रहने के लिए सबसे जरूरी टिप्स जानने हों तो ये करिअर फंडा भी जरूर पढ़ें…
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