Multibagger Stocks: इन दिग्गज शेयरों में निवेश पर मिल सकता है जबरदस्त रिटर्न, जानें डिटेल्स
Multibagger Stocks:कई ब्रोकरेज हाउस शेयर बाजार के इन दिग्गज स्टॉक्स में निवेश पर 16 से 36 फीसदी रिटर्न मिलने की उम्मीद जता रहे हैं.
By: ABP Live | Updated at : 29 Mar 2022 03:06 PM (IST)
Multibagger Stocks: रूस यूक्रेन युद्ध के शुरुआती दौर में शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई. जिन निवेशकों अंतरराष्ट्रीय निवेश उठाते फर्मों ने इस गिरावट का फायदा उठाते हुए निवेश किया वे आज बाजार में आए रिकवरी के बाद अच्छे मुनाफे पर बैठे हैं. लेकिन कई ऐसे निवेशक हैं जिन्होंने डर से बाजार में निवेश नहीं किया उनके लिए अभी बाजार में निवेश के अच्छे मौके हैं जहां निवेश कर वे मुनाफा बना सकते हैं. कई ब्रोकरेज हाउस शेयर बाजार के इन दिग्गज स्टॉक्स में निवेश पर 16 से 36 फीसदी रिटर्न मिलने की उम्मीद जता रहे हैं.
आईसीआईसीआई बैंक ( ICICI Bank): ब्रोकरेज हाउस शेयरखान ने निवेशकों को निजी क्षेत्र की दिग्गज बैंक आईसीआईसीआई बैंक में निवेश की सलाह दी है. शेयरखान के मुताबिक आईसीआईसीआई बैंक 970 रुपये के लेवल को छू सकता है. यानि मौजूदा स्तर से शेयर 36 फीसदी तक का रिटर्न दे सकता है.
एशियन पेंट्स(Asian Paints): शेयरखान मे एशियम पेंट्स के शेयर भी खरीदने की सलाह दी है. कच्चे तेल के दामों में गिरावट का एशियन पेंट्स को फायदा मिल सकता है. निवेशक 22 फीसदी की रिटर्न के लिए एशियन पेंट्स का शेयर खरीद सकते हैं जो 3689 रुपये के स्तरों तक जा सकता है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज(Reliance Industries): ब्रोकरेज फर्म Emkay ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर खरीदने की निवेशकों को सलाह दी है. Emkay के मुताबिक रिलायंस इंडस्ट्रीज 16 फीसदी का रिटर्न दे सकता है और शेयर 3045 रुपये के लेवल को छू सकता है.
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भारती एयरटेल( Bharti Airtel): मोतिलाल ओसवाल ने दिग्गज टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल के शेयर खरीदने की निवेशकों को सलाह दी है. ब्रोकरेज हाउस का मानना है कि भारती एयरटेल 24 फीसदी का रिटर्न दे सकता है और शेयर 910 रुपये तक जा सकता है.
हिंदुस्तान यूनिलीवर(Hindustan Unilever): ब्रोकरेज फर्म मोतिलाल ओसवाल ने निवेशकों को हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयर खरीदने की सलाह दी है. मोतिलाल ओसवाल के मुताबिक दिग्गज एफएमसीजी का शेयर 26 फीसदी की उछाल के साथ 2500 रुपये के लेवल को छू सकता है.
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया(SBI): मोतिलाल ओसवाल ने निवेशकों को देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई के शेयर खरीदने की सलाह दी है. मोतिलाल ओसवाल के मुताबिक मौजूदा स्तरों से एसबीआई का शेयर 675 रुपये के लेवल तक जा सकता है. यानि मौजूदा स्तर से 36 फीसदी का रिटर्न मिल सकता है.
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Published at : 29 Mar 2022 03:04 PM (IST) Tags: ICICI Bank reliance industries Bharti Airtel state bank of india Asian Paints Motilal Oswal Hindustan unilever Multibagger stocks sharekhan हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
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गोल्ड, इंटरनेशनल फंडों ने दिया 20% रिटर्न, क्या आपको करना चाहिए निवेश?
गोल्ड फंडों ने 2015 में -8.29 फीसदी रिटर्न दिया. 2014 में इनका रिटर्न -4.20 फीसदी और 2013 में -10.78 फीसदी रहा.
इन दोनों कैटेगरी को एडवाइजर और निवेशक अंतरराष्ट्रीय निवेश उठाते फर्मों अक्सर खारिज करते रहे हैं. यह अलग बात है कि 2019 की प्रदर्शन तालिका में ये कैटेगरी टॉप में रही हैं.
गुड़गांव स्थित वेल्थ मैनेजमेंट फर्म फाइनेंस एंड यू के संस्थापक विवेक पाठक कहते हैं, ''म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए गोल्ड और इंटरनेशनल फंड दोनों बुनियादी डायवर्सिफायर हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शेयर बाजारों में गिरावट आने पर गोल्ड फंड हमेशा अच्छा करते रहे हैं.''
पिछले एक साल में इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड कैटेगरी ने 18.85 फीसदी रिटर्न दिया है. तीन साल में इसका रिटर्न 10.02 फीसदी और पांच साल में 7.45 फीसदी रहा है. इसी तरह गोल्ड फंडों ने एक साल में 22.46 फीसदी रिटर्न दिया है. जबकि तीन साल यह 9.68 फीसदी और पांच साल में 5.98 फीसदी रहा. हालांकि, अलग-अलग कैलेंडर वर्षों में ये स्कीमें कई तरह के उतार-चढ़ाव से गुजरी हैं.
उदाहरण के लिए गोल्ड फंडों ने 2015 में -8.29 फीसदी रिटर्न दिया. 2014 में इनका रिटर्न -4.20 फीसदी और 2013 में -10.78 फीसदी रहा. वहीं, इंटरनेशनल फंड 2018 और 2015 में बुरे दौर से गुजरे. इस दौरान इन्होंने क्रमश: -5.54 फीसदी और -6.15 फीसदी रिटर्न दिया.
कई फाइनेंशियल प्लानर और म्यूचुअल फंड एडवाइजर इन आंकड़ों हवाला देकर कहते हैं कि आम निवेशकों के लिए ये स्कीमें नहीं हैं. वे कहते हैं ये स्कीमें अंतरराष्ट्रीय निवेश उठाते फर्मों उन खास निवेशकों के लिए हैं जो इनकी मदद से अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करना चाहते हैं.
विवेक पाठक चेतावनी देते हुए कहते हैं कि पहली बात तो यह है कि निवेशकों को सालाना आधार पर इन स्कीमों से रिटर्न की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए. इसके अलावा निवेशकों को अपने रिस्क प्रोफाइल को भी ध्यान में रखना चाहिए.
दिल्ली स्थित वेल्थ मैनेजमेंट फर्म द फाइनेंशियल मॉल के सीईओ नीरज चौहान कहते हैं, ''रिटेल निवेशकों के लिए गोल्ड बेस्ट डायवर्सिफायर है. कई भारतीय निवेशक लंबी अवधि के लक्ष्य के तौर पर सोना खरीदते हैं. इस तरह सिप के जरिये गोल्ड फंडों में निवेश वह मकसद भी हल कर देता है. इससे आपको अनिश्चितता और अस्थिरता के दौर में सुरक्षा भी मिलती है. गोल्ड ऐसा एसेट क्लास है जो ग्लोबल इकनॉमी में दिक्कतों के समय बढ़ता है. ऐसे समय में अमूमन शेयर बाजारों की हालत पतली होती है.''
नीरज का कहना है कि कुछ और सेक्टर हैं जो बाजार के उलट चलते हैं. लेकिन, उन सभी को अच्छा डायवर्सिफायर नहीं कहा जा सकता है. उदाहरण के लिए फार्मा सेक्टर सरकार के नियमों और कायदों पर काफी ज्यादा निर्भर करता है. पिछले कुछ सालों में फार्मा सेक्टर की कंपनियों के शेयरों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. फार्मा एक सेक्टर फंड है. लिहाजा, इसमें जोखिम है.
अगर आपको इन 'डायवर्सिफायर' की कुशलता पर भरोसा है तो आप अपने पोर्टफोलियो का थोड़ा हिस्सा इनमें निवेश कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड एडवाइजरों का कहना है कि यह तभी सही है जब आपका पोर्टफोलियो काफी बड़ा हो. अगर आप छोटे पोर्टफोलियो में कुल जोखिम घटाने के लिए बहुत ज्यादा डायवर्सिफिकेशन करते हैं तो इससे रिटर्न को नुकसान होता है.
एक्सेलेंट इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स के संस्थापक पुनीत ओबेरॉय कहते हैं कि इन डायवर्सिफायर से बहुत ज्यादा रिटर्न की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए. इन्हें सिर्फ गिरावट से बचाव के लिए रखना चाहिए. अपने एसेट को डायवर्सिफाई करने के लिए अधिकतम 10-20 फीसदी एलोकेट करना चाहिए. बाकी का पैसा रिटर्न पाने के लिए लगा होना चाहिए. अगर आपका गोल्ड फंडों में 10 फीसदी एलोकेशन लंबी अवधि में नहीं गिरता है तो यह आपके पोर्टफोलियो के लिए अच्छा है.''
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अंतरराष्ट्रीय डाटा कॉरपोरेशन ने कहा- डिजिटलीकरण से 2020-2023 के बीच आईटी पर 6800 अरब डॉलर होंगे खर्च
अंतरराष्ट्रीय डाटा कॉरपोरेशन (आईडीसी) के मुताबिक वैश्विक अर्थव्यवस्था में डिजिटलीकरण पर जोर बना रहेगा और 2020 से 2023 के बीच आईटी पर 6800 अरब अमेरिकी डॉलर खर्च होंगे। शोध फर्म ने 2021 और उससे आगे के.
अंतरराष्ट्रीय डाटा कॉरपोरेशन (आईडीसी) के मुताबिक वैश्विक अर्थव्यवस्था में डिजिटलीकरण पर जोर बना रहेगा और 2020 से 2023 के बीच आईटी पर 6800 अरब अमेरिकी डॉलर खर्च होंगे। शोध फर्म ने 2021 और उससे आगे के लिए सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के पूर्वानुमानों में कहा कि कोविड-19 महामारी का प्रकोप हर जगह है और कई वाह्य कारण अंतरराष्ट्रीय निवेश उठाते फर्मों बदलाव के वाहक बन रहे हैं।
आईडीसी द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक वैश्विक महामारी के चलते 2020 में बाधाएं आई हैं, लेकिन वैश्विक अर्थव्यवस्था का डिजिटल सफर जारी रहेगा और ज्यादातर उत्पाद एवं सेवाएं डिजिटल डिलिवरी मॉडल पर आधारित होंगे। इन बदलावों के साथ ही 2022 तक वैश्विक जीडीपी का 65 प्रतिशत हिस्सा डिजिटल हो जाएगा और 2020 से 2023 तक आईटी पर 6800 अरब डॉलर खर्च होंगे।
आईडीसी ने अनुमान जताया है कि 2021 के अंत तक 80 प्रतिशत उद्यम क्लाउड आधारित बुनियादी ढांचे और अनुप्रयोगों को अपनाने की गति महामारी से पहले के मुकाबले दोगुनी कर देंगे।
स्वीडन-कनाडा जैसे देशों से यूपी में आएगा बड़ा निवेश, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले हुए कई एमओयू
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में निवेश के रास्ते आसान कर दिए हैं. दुनिया भर के निवेशक इसका लाभ उठाने को उत्सुक हैं. विभिन्न देशों में रोड शो और वन टू वन बिजनेस मीटिंग कर रही टीम योगी जब बड़े बिजनेस लीडर्स से मुलाकात करती है तो वे सहर्ष ही उत्तर प्रदेश में निवेश को तैयार हो जा रहे हैं.
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में निवेश के रास्ते आसान कर दिए हैं. दुनिया भर के निवेशक इसका लाभ उठाने को उत्सुक हैं. विभिन्न देशों में रोड शो और वन टू वन बिजनेस मीटिंग कर रही टीम योगी जब बड़े बिजनेस लीडर्स से मुलाकात करती है तो वो सहर्ष ही उत्तर प्रदेश में निवेश को तैयार हो जा रहे हैं. इसका उदाहरण स्वीडन है, जहां से टीम योगी को 15 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. स्वीडन की कंपनियां उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी, रिटेल, टूरिज्म, वेस्ट मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में निवेश करने को तैयार हैं. वहीं कनाडा के वैंकूवर से भी टीम योगी को 1200 करोड़ रुपये के 6 एमओयू प्राप्त हुए हैं. इससे 600 रोजगार के अवसर सृजित होंगे. अमेरिका और सिंगापुर जैसे देशों में भी टीम योगी की निवेशकों से व्यापक चर्चा हुई है. इसके बाद कई कंपनियां यूपी में निवेश को लेकर इच्छुक हैं.
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री मोदी की मंशा के अनुरूप प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का निश्चय किया है. इसके लिए फरवरी 2023 में राजधानी लखनऊ में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जाना है. जिसमें 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य तय किया गया है. इसकी पूर्ति के लिए मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में मंत्रियों और अधिकारियों की टीमें विभिन्न देशों में बड़े बिजनेस लीडर्स से निवेश को लेकर चर्चा कर रही हैं.
औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी (Industrial Development Minister Nand Gopal Nandi) और लोक निर्माण विभाग मंत्री जितिन प्रसाद (Public Works Department Minister Jitin Prasad) की अध्यक्षता वाला प्रतिनिधिमंडल बुधवार को स्टॉकहोम में रोड शो के दौरान स्वीडिश बिजनेस कम्युनिटी से मिला. इस अवसर पर विभिन्न बिजनेस टू बिजनेस (बीटूबी) और गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट (जीटूजी) में डिफेंस, टेक्सटाइल व गारमेंट्स, फूड प्रोसेसिंग, ऑटोमोबाइल व ईवी, रीन्यूएबल एनर्जी, वेस्ट एवं वाटर मैनेजमेंट और ट्रांसपोर्टेशन जैसे क्षेत्रों में निवेश को लेकर चर्चा की गई. अपर मुख्य सचिव (खेल एवं युवा मामले) नवनीत सहगल व उत्तर प्रदेश सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रदेश की मजबूती के साथ ही स्वीडिश बिजनेस कम्युनिटी को रेड कॉर्पेट और समर्पित निवेश सुविधाओं के प्रति आश्वस्त किया.
नोएडा में रिटेल स्टोर खोलने जा रही आइकिया के ग्लोबल एक्सटेंशन हेड जेन क्रिस्टिनसन और पब्लिक अफेयर मैनेजर जेन क्रेलिना ने यूपी में अपने रिटेल स्टोर्स की शृंखला के विस्तार और लग्जरी मॉल्स के लिए 4300 करोड़ रुपये के निवेश का इरादा जताया है. प्रतिनिधिमंडल ने स्टॉकहोम में आइकिया अंतरराष्ट्रीय निवेश उठाते फर्मों गैलेरियन का भी दौरा किया. इसी तरह स्वीडिश निर्माण कंपनी सेरनेक ने यूपी में फिल्म सिटी प्रोजेक्ट में 10 हजार करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया. वहीं बोसोन एनर्जी ने वेस्ट एनर्जी प्रोजेक्ट (Waste Energy Project) के लिए एक हजार करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया और पर्यटन से जुड़े करीब 40 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव भी मिले.
वैंकूवर में 6 एमओयू पर हुए हस्ताक्षर
अमेरिका से भी मिले निवेश के प्रस्ताव
सिंगापुर को डिफेंस, ईवी, बैंकिंग जैसे क्षेत्रों में निवेश का ऑफर : इधर, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह (Water Power Minister Swatantra Dev Singh) की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल ने सिंगापुर में बिजनेस मीटिंग की. प्रतिनिधिमंडल विडा टेक्नोलॉजी (Vida Technology) के एमडी से मिला और उत्तर प्रदेश में ओईएम/ओडीएम टेक्नोल़ॉजी में निवेश के विभिन्न माध्यमों पर चर्चा की. प्रतिनिधिमंडल ने विडा टेक्नोलॉजी के एमडी को आश्वासन दिया कि प्लांट लगाने के लिए भूमि प्राथमिकता के आधार पर प्रदान की जाएगी और यह भी आश्वस्त किया कि सभी हैंडहोल्डिंग सहमतियां भी प्रदान की जाएंगी. प्रतिनिधिमंडल यहां सिंगापुर इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के चेयरमैन नील पारेख और कुछ अन्य लीडिंग इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों से भी मिला. इस अवसर पर उनके साथ डिफेंस, ईवी, बैंकिंग व फाइनेंस, एजुकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर एवं आईटी व संबंधित उद्योगों में सिंगापुर को निवेश की संभावनाओं से परिचित कराया गया और निवेश का आग्रह किया गया. एशिया की बड़ी अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर कंसल्टिंग फर्म सुर्बना जुरोंग के सीईओ हरी पुलोंगसुंदरम के उनके मुख्यालय में मुलाकात की गई. इस दौरान उत्तर प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर, स्मार्ट सिटी और हाउसिंग डेवलपमेंट जैसे क्षेत्रों में निवेश जुटाने के लिए राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में व्यापक चर्चा हुई. टीम योगी ने उन्हें उत्तर प्रदेश में निवेश करने के लिए अपने क्लाइंट बेस को जुटाने और प्रोत्साहित करने के लिए भी जोर दिया.
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