डिलीवरी ट्रेडिंग उन निवेशकों के लिए सबसे अच्छी होती है जो Long Term Share Investment में विश्वाश रखते हैं. Delivery Trading को Intraday की तुलना में कम परसेंट जोखिम भरा माना जाता है. दुनिया के बड़े – बड़े निवेशक जैसे वारेन बुफेट, राकेश झुनझुनवाला Delivery Trading पर ही भरोसा करते हैं.
डिलीवरी ट्रेडिंग क्या है एवं इंट्राडे और डिलीवरी ट्रेडिंग में अंतर है
Delivery Trading In Hindi: क्या? आप जानते है शेयर बाजार में ट्रेडिंग मुख्यतः दो प्रकार से की जाती है Intraday और Delivery Trading. इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में हम आपको पिछले लेख में बता चुके हैं. आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएँगे कि Delivery Trading क्या है, डिलीवरी ट्रेडिंग कैसे करें, डिलीवरी ट्रेडिंग में लगने वाले फीस, डिलीवरी ट्रेडिंग के फायदे, नुकसान तथा डिलीवरी ट्रेडिंग और इंट्राडे ट्रेडिंग में क्या अंतर है.
अगर आप शेयर बाजार में पैसे निवेश करना चाहते हैं तो इससे जुड़े सभी टर्म के बारे में आपको जानकारी भी होनी चाहिए. डिलीवरी ट्रेडिंग के बारे में प्रत्येक निवेशक को जानना बहुत आवश्यक है क्योंकि इसकी मदद से आप कम जोखिम में अच्छे पैसे कमा सकते हो.
डिलीवरी ट्रेडिंग क्या है (What is Delivery Trading in Hindi)
Intraday Trading में हमने जाना था कि एक ही दिन के अन्दर (शेयर बाजार के खुलने से बंद होने तक के समय) शेयर को खरीदना और बेचना होता है, लेकिन डिलीवरी ट्रेडिंग इंट्राडे से बहुत भिन्न होती है. डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेशक अपने द्वारा खरीदे गए शेयर को कभी भी बेच सकता है इसमें शेयर को बेचने की कोई समय सीमा नहीं होती है.
डिलीवरी ट्रेडिंग के नियम (Delivery Trading Rules in Hindi)
डिलीवरी ट्रेडिंग करने के भी कुछ नियम होते हैं जिसके बारे में एक निवेशक को जानना बहुत जरुरी है –
- डिलीवरी ट्रेडिंग में आप ख़रीदे गए शेयर को लम्बे समय तक के लिए Hold कर सकते हैं.
- डिलीवरी ट्रेडिंग के लिए Demat Account का होना आवश्यक होता है.
- डिलीवरी ट्रेडिंग में शेयर को खरीदने के लिए निवेशक को पूरी राशि का भुगतान करना होता है.
- डिलीवरी ट्रेडिंग में कोई मार्जिन नहीं मिलता है, निवेशक को शेयर फिक्स कीमत में खरीदने होते हैं.
डिलीवरी ट्रेडिंग कैसे करते हैं
अगर आप शेयर बाजार में लम्बे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं तो डिलीवरी ट्रेडिंग आपके लिए Best है. डिलीवरी ट्रेडिंग से आप लम्बे समय बाद बहुत अच्छे पैसे कमा सकते हैं.
डिलीवरी ट्रेडिंग करने के लिए आपको एक Demat Account की जरूरत होती है आप Full Service Broker या Discount broker से अपना Demat Account खुलवा सकते हो.
अगर आपके पास बजट कम है तो आप Discount broker से ही अपना Demat Account खुलवाएं. कुछ Discount broker फ्री में भी आपका Demat Account Open करवा देते हैं.
Demat Account खुलवाने के बाद आप Broker की ऑफिसियल वेबसाइट या मोबाइल एप्लीकेशन से ट्रेडिंग करना शुरू कर सकते हो. इसके लिए पहले आपको Delivery Trading को Select करना होगा और फिर अपनी समझ के अनुसार कम्पनी के शेयर खरीदने होंगे और शेयर को अपने Demat Account में Hold करना होता है. जब आपको लगता है कि यह शेयर बेचने का सही समय है तो आप शेयर बेच कर अच्छे पैसे कमा सकते हो.
Trading Kya Hai
ट्रेडिंग क्या है: Trading में हम शेयर मार्केट से शेयर को खरीदने और बेचने का काम करते है. जहाँ हम शेयर को stock exchange से कम price पर buy कर लेते है और उस शेयर की price high होने पर उसे sell कर देते है. इस प्रक्रिया को हम ट्रेडिंग कहते है.
ट्रेडिंग का मुख्य मकसद किसी भी वास्तु या सेवा को खरीद व बैच कर कम समय में लाभ कमाना होता है. यही कारण है कि Trading Share ट्रेडिंग के क्या लाभ हैं? Market में सबसे ज्यादा कि जाती है और लोग हर रोज शेयर पर ट्रेडिंग करके हजारों और लाखों रूपये कमा लेते है.
Trading Kya Hoti Hai
What Is Trading in Hindi: Trading का मतलब Buy और Sell करना होता है जहाँ हम किसी भी चीज को कम भाव में खरीद लेते है और उसके बाद जब उसका भाव बढ़ जाता है तो उसे बैच देते है.
इस प्रकार कम पैसे में खरीदी गई चीज़ को जब ज्यादा दम में बेचा जाता है तो हमे उस पर कुछ पैसों का मुनाफा होता है जिसे हम ट्रेडिंग कहते है.
तो अगर आप Share पर ट्रेडिंग करके पैसे कमाना चाहते है तो सबसे पहले आपको शेयर मार्केट ट्रेडिंग को समझना होगा चलिए जानते है शेयर मार्केट ट्रेडिंग क्या है ?.
Share Market Trading Kya Hai
शेयर मार्केट ट्रेडिंग क्या है: शेयर मार्केट ट्रेडिंग, शेयर पर होने वाली ट्रेडिंग को कहते है. जब सुबह 9:15 AM पर शेयर मार्केट खुलती है तब ट्रेडर कम दाम में शेयर को खरीद लेते है.
और दोपहर के 3:30 PM के पहले शेयर को बेच देते है . क्योंकि शेयर मार्केट सुबह 9:15 AM पर खुलती है और 3:30 PM पर बंद हो जाती है. इस बीच ट्रेडर अपने ख़रीदे हुए शेयर पर अनुमानित मुनाफे को देख कर शेयर को बेच के मुनाफा कमा लेते है.
Trading Kitne Prakar Ki Hoti Hai
ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं: Trading तीन प्रकार की होती है जिसे हम Intraday Trading, Scalping Trading, Swing Trading कहते है. शेयर मार्केट में लोग इन्ही तीनो ट्रेडिंग की मदद से शेयर बाज़ार में पैसा लगाते है और रोज हजारों रूपए कमाते है.
Types of Trading
- Intraday Trading
- Scalping Trading
- Swing Trading
इंट्राडे ट्रेडिंग के लाभ
- आपको पूरी राशि का केवल एक निश्चित भाग का भुगतान करके शेयर खरीदने को मिलता है; इस प्रकार, आपको कम निवेश करने और अधिक लाभ प्राप्त करने को मिलता है
- यदि आपको लगता है कि किसी निश्चित कीमत की कीमत दिन में कहीं गिर सकती है, तो आप शेयर को बिना खरीदे ही बेच सकते हैं; इस तरह, आप कीमत के आधार पर बाद में स्टॉक खरीद सकते हैं और पर्याप्त लाभ कमा सकते हैं
- डिलीवरी-आधारित ट्रेडिंग की तुलना में, इंट्राडे में ब्रोकरेज कम होता है
- आप समय नहीं दे सकतेमंडी, और इस प्रकार के व्यापार में कोई भविष्यवाणी काम नहीं करती है; इस प्रकार, आपके पास कितना भी अच्छा पैसा क्यों न हो, आपके पास 24 घंटे से अधिक के लिए स्टॉक नहीं हो सकता है
- इस ट्रेडिंग में, आपको स्टॉक को पर रखने की सुविधा नहीं हैरिकॉर्ड करने की तारीख राइट्स इश्यू, बोनस, लाभांश, और बहुत कुछ
- आपको बेहद सतर्क रहना होगा और हर मिनट बाजार पर नज़र रखनी होगी
डिलीवरी-आधारित ट्रेडों ट्रेडिंग के क्या लाभ हैं? को परिभाषित करना
जहां तक डिलीवरी ट्रेडों का संबंध है, खरीदे गए स्टॉक को इसमें जोड़ा जाता हैडीमैट खाता. जब तक आप बेचने का फैसला नहीं करते तब तक वे कब्जे में रहते हैं। भिन्नइंट्राडे ट्रेडिंग, इसकी कोई सीमित समयावधि नहीं है। आप अपने स्टॉक को दिनों, हफ्तों, महीनों या वर्षों में भी बेच सकते हैं।
- अगर आपको लगता है कि कंपनी काफी अच्छा कर रही है तो आपको किसी स्टॉक में लंबे समय तक निवेश करने का फायदा मिलता है
- जोखिम इंट्राडे से कम है
डिलिवरी-आधारित ट्रेडिंग के नुकसान
- स्टॉक खरीदने के लिए आपको पूरी राशि का भुगतान करना होगा; इस तरह, जब तक आप अपने शेयर बेचने का निर्णय नहीं लेते, तब तक आपके फंड ब्लॉक हो जाते हैं
अब जब आप इंट्राडे और डिलीवरी के अंतर को समझ गए हैं, तो यहां बताया गया है कि उनका व्यापार करने का तरीका भी अलग है:
वॉल्यूम ट्रेड
इसे एक दिन के भीतर किसी कंपनी के शेयर खरीदे और बेचे जाने की संख्या के रूप में परिभाषित किया जाता है। आमतौर पर अच्छी तरह से स्थापित और बड़े संगठनों के लिए उनकी विश्वसनीयता के कारण मात्रा अधिक होती है। इस प्रकार, यदि आप इंट्राडे चुन रहे हैं, तो विशेषज्ञ आपको इन ट्रेडों से चिपके रहने की सलाह देंगे।
लंबी अवधि के लिए कारोबार करने वालों के संदर्भ में, वे अस्थिरता के पहलू पर कम निर्भर करते हैं क्योंकि स्टॉक बेचने को तब तक के लिए टाल दिया जा सकता है जब तक कि यह आपके द्वारा निर्धारित लक्ष्य मूल्य तक नहीं पहुंच जाता।
इंट्राडे और डिलीवरी ट्रेडिंग के बीच अंतर: आपको कौन सा चुनना चाहिए?
ज़रूर, इंट्राडे ट्रेडिंग लुभाने लगती है, लेकिन यह सभी के लिए नहीं है। जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, आपको सफलता हासिल करने के लिए हर मिनट बाजार पर नजर रखनी होगी। साथ ही, इस प्रकार को चुनना आपको तकनीकी पहलुओं, जैसे कि एल्गोरिदम और चार्ट पर निर्भर रहने के लिए मजबूर करेगा। इस प्रकार, यदि आप इस दृष्टिकोण से सहज नहीं हैं, तो आपको ट्रेडिंग के क्या लाभ हैं? इस ट्रेडिंग प्रकार से दूर रहना चाहिए।
दूसरी ओर, यदि आप कुछ घंटों का निवेश करके जल्दी पैसा कमाना चाहते हैं, तो डिलीवरी-आधारित ट्रेडिंग आपके लिए एक बढ़िया विकल्प नहीं है क्योंकि इस प्रकार के लिए बहुत धैर्य की आवश्यकता होती है। इसके साथ ही इसमें फंडामेंटल अप्रोच की मदद से पैसा लगाने की भी जरूरत होती है।
इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में कितना जानते हैं आप? Stocks चुनने से लेकर इससे होने वाले फायदे यहां जानिए
Written By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: November 08, 2022 16:55 IST
Photo:INDIA TV इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में कितना जानते हैं आप?
Intraday Trading: यह शेयर बाजार खुलने से लेकर बंद होने की बीच की गई शेयर की खरीदी बिक्री की प्रक्रिया होती है। यहां पैसा लगाने वाले निवेशकों का मुख्य उद्देश्य लंबे समय तक शेयर को होल्ड करना नहीं बल्कि उसी दिन बाजार बंद होने के पहले बेचकर मुनाफा कमाना होता है।
इन बातों का रखे ध्यान
इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय ध्यान रखने वाली सबसे महत्वपूर्ण बात इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए संबंधित ऑर्डर सही तरीके से तैयार करना होता है। यदि कोई ऐसा करने में विफल रहता है, तो उनका ब्रोकर आपकी स्थिति को चौपट कर सकता है अगर आप खुद से ट्रेडिंग कर रहे हैं तो नुकसान उठा सकते हैं।
चाहे कोई व्यक्ति अनुभवी हो या नया निवेशक, उसे इंट्राडे ट्रेडिंग में एक साथ होने वाली कई घटनाओं पर नजर रखना पड़ता है। इसलिए भारत में इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय रुझानों और संकेतकों पर नज़र रखने से बहुत मदद मिल सकती है। यहां कुछ संकेतक दिए गए हैं, जिन पर दिन के कारोबार के दौरान विचार किया जा सकता है, जो अच्छी कमाई में मदद कर सकते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग के लाभ
- नियमित आय अर्जित करने का मौका
- कम कमीशन शुल्क
- अधिक लाभ
- लिक्विडिटी
- बाजार में उतार-चढ़ाव के माध्यम से पूंजीगत लाभ
इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें यह समझने के लिए निवेश करते समय सर्वोत्तम इंट्राडे ट्रेडिंग स्टॉक की पहचान करना आवश्यक होता है, क्योंकि इसमें अपेक्षाकृत अधिक जोखिम होता है। ऐसे शेयर चुनें, जिन्हें बेचना भी आसान हो। जिन शेयरों की लिक्विडिटी अधिक होती है, उन्हें व्यक्ति आसानी से जब चाहे बाजार खुले रहने तक सेल कर सकता है। अगर आपके शेयर का कोई बॉयर नहीं होगा तो आप उसे किसको बेचेंगे, ऐसे में आपको नुकसान उठाना पड़ जाएगा।
स्विंग ट्रेडिंग के लिए अच्छे स्टॉक का चयन कैसे करें?
एक स्विंग ट्रेडर के तौर पर आपको ये बिल्कुल साफ़ होना चाहिए कि आपको कितने प्रतिशत प्रॉफिट के बाद निकल जाना है, 4 से 15% का प्रॉफिट स्विंग ट्रेडिंग के लिए पर्याप्त है लेकिन ट्रेड लेने से पहले आपको ध्यान रखना है कि आपको केवल ऐसे स्टॉक का चयन करना है जिसका फंडामेंटल स्ट्रांग हो।
आपको स्विंग ट्रेड लेने से पहले रिस्क और रिवॉर्ड रेश्यो को भी ध्यान में रखना होगा। जैसे मान लीजिए आपने कोई ट्रेड लिया जिसमें हर शेयर में आप ज्यादा से ज्यादा 100 रुपए का रिस्क लें सकते हैं और कम से कम प्रति शेयर 300 रुपए के प्रॉफिट के बाद ही आप पोजीशन से एग्जिट लेंगें। 100 रुपए का रिस्क लेकर केवल 75 रुपए का प्रॉफिट लेकर निकल जाना बिल्कुल भी बुद्धिमानी नहीं है। आप चाहे तो टोटल इन्वेस्ट किए गए Amount के परसेंटेज के आधार पर भी रिस्क और रिवॉर्ड तय कर सकते हैं। यानी तब आपका रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो 1:3 का होना चाहिए।
स्विंग ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान
स्विंग ट्रेडिंग के फायदे
- स्विंग ट्रेडिंग में आपको कम समय में प्रॉफिट मिल जाता है।
- कम प्रॉफिट का टारगेट होने के कारण टारगेट हिट करने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।
- स्टॉक में एंट्री लेने के लिए उसके गिरने का इंतज़ार नहीं करना पड़ता।
- स्टॉक के फंडामेंटल स्ट्रांग होने के कारण नुकसान होने की संभवना कम होती है।
- यह एक लेस स्ट्रेस यानी कम तनाव वाली ट्रेडिंग है।
- अगर आप शेयर बाजार में नए हैं तो भी इसे Try कर सकते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान
- शार्ट टर्म में एग्जिट लेने के कारण आपको बड़ा प्रॉफिट नहीं मिल पता है।
- स्टॉक से जुडी रोजाना आने वाली हर छोटी बड़ी खबर से शेयर के प्राइस में उतार-चढ़ाव आता है।
- एक दिन से ज्यादा होल्ड करने के कारण शेयर में गैप अप और गैप डाउन का भी सामना करना पड़ता है।
- डे ट्रेडिंग करने वालों को धैर्य के साथ स्टॉक में बने रहने में प्रॉब्लम आती है।
इंट्राडे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग में क्या अंतर है?
स्विंग ट्रेडिंग और इंट्राडे ट्रेडिंग के बीच का अंतर (Swing trading vs Day trading) आमतौर पर होल्डिंग टाइम का है। स्विंग ट्रेडिंग में अक्सर कम से कम एक दिन से ज्यादा के लिए शेयर को होल्ड किया जाता है, जबकि डे ट्रेडिंग में बाजार बंद होने से पहले पोजीशन को क्लोज करना होता हैं।
क्योंकि हमें स्विंग ट्रेडिंग में एक दिन से ज्यादा के लिए पोजीशन को होल्ड करना होता है इसलिए हमें गैप अप और गैप डाउन का भी सामना करना पड़ता है।
स्विंग ट्रेडिंग से जुड़े सवाल और इनके जवाब
सवाल – स्विंग ट्रेडिंग में हम अपने पोर्टफोलियो में स्टॉक को कितने दिन तक रख सकते हैं
जवाब – आमतौर पर स्विंग ट्रडिंग में आप स्टॉक को 1 दिन से ज्यादा या कुछ हफ्ते तक रख सकते हैं लेकिन कोशिस करें की आपको स्टॉक को 3 हफ्ते से ज्यादा होल्ड ना करना पड़े।
स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुने?
स्विंग ट्रेडिंग के लिए ऐसा स्टॉक चुने जो अपने 52 वीक हाई के आसपास हो, अगर स्टॉक अपने 52 वीक हाई से लगभग 10-15% नीचे है तो आप ऐसे स्टॉक का चयन कर सकते हैं।
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