Bse (Bombay Stock exchang) का बेंचमार्क (index) है “Sensex” जिसकी शुरुआत सन 1986 में हुई थी जिसमें देश की सबसे बड़ी और टॉप 30 कम्पनीज को रखा जाता है “sensex” में 30 कम्पनीज के लिस्टेड होने के कारण इसे Bse30 के नाम से भी जाना जाता है |

NSE INDIA : BSE INDIA : WHAT IS NSE AND BSE

नमस्कार दोस्तों आज के इस लेख में हम National Stock Exchange और Bombay Stock Exchange के बारे में जानकारी देने जा रहे है. इस लेख में हम NSE और BSE क्या है? NSE India? BSE India? National Stock Exchange क्या है? Bombay Stock Exchange क्या है? difference between NSE and BSE? आदि के बारे में जानकारी देने जा रहे है.

अगर आप भी National Stock Exchange और Bombay Stock Exchange के बारे में जानना चाहते है या फिर NSE India, BSE India के बारे में जानकारी हाशिल करना चाहते है. तो इस लेख को अंत तक जरुर पढ़े. यक़ीनन यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा.

NATIONAL STOCK EXCHANGE – NSE INDIA

NSE FULL FORM –

NSE – NATIONAL STOCK EXCHANGE

यदि आप शेयर मार्केट में interested हैं, और शेयर मार्केट के बारे में जानकारी रखते हैं, तो आपने जरूर सुना होगा NSE और BSE के बारे में, लेकिन क्या आपको इन दोनों में अंतर पता है, कि यह दोनों क्या है, तथा इन दोनों में क्या-क्या अंतर है, यदि नहीं पता तो आप इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें, ताकि आपको इसके बारे में एक अच्छी जानकारी हो सकें.

देखा जाए तो इंटरनेट पर बहुत सारे सर्च किए जाते हैं, NSE और BSE के बारे में, इसी को देखते हुए हमने भी सोचा क्यों ना हम भी इस पर एक आर्टिकल लिखें, ताकि लोगों को इससे मदद हो सके.

दोस्तों मैं आपको बताना चाहूंगा यदि आप शेयर मार्केट में interested हैं, और आप शेयर मार्केट के बारे में बहुत सारी जानकारी जानना चाहते हैं, तो हमारे इस ब्लॉग में शेयर मार्केट के बारे में बहुत सारी जानकारी दी गई है जिसे आप सर्च करके पढ़ सकते हैं.

BOMBAY STOCK EXCHANGE – BSE INDIA

BSE FULL FORM –

BSE – BOMBAY STOCK EXCHANGE

यह भारत का सबसे पहला स्टॉक एक्सचेंज है, जिसे 1875 में स्थापित किया गया था.

BSE की बात करें तो, यह बहुत पुराना स्टॉक एक्सचेंज है, लेकिन इस स्टॉक एक्सचेंज को ऑनलाइन ट्रेडिंग की जल्द व्यवस्था ना करने के कारण इसका वॉल्यूम गिरता चला गया और आज के समय में देखा जाए तो BSE का वॉल्यूम NSE जी मुकाबले बहुत कम होता है.

Chairman T.C Suseel Kumar
CEO Shri Ashishkumar Chauhan
Market Capitalization 800.19 Trillion+
Index Sensex

DIFFERENCE BETWEEN NSE AND BSE

आइए हम एक चार्ट द्वारा NSE और BSE में अंतर बीएसई और एनएसई क्या हैं के बारे में आपको बताते हैं.

एनएसई और बीएसई में क्या फर्क है

NSE Kya Hai, BSE Kya Hai

NSE Kya Hai, BSE Kya Hai

निवेश विकल्प के अनुसार, एनएसई और बीएसई दोनों स्टॉक एक्सचेंज बाजार में व्यापार करने के लिए आदर्श विकल्प हैं क्योंकि सबसे पहले यह न केवल एक पार्टी बल्कि निवेशक और कंपनी दोनों को एक सुरक्षित बाजार प्रदान करता है।

वे दोनों प्रीमियम गुणवत्ता, तरलता और उच्च लेनदेन गति तक पहुंचते हैं। इसके साथ, एनएसई और बीएसई का नियामक निकाय सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) है जो स्टॉक एक्सचेंज के लिए है।

एनएसई और बीएसई दोनों ही ट्रेडिंग को बढ़ावा देते हैं और निवेशकों के हितों की रक्षा करते हैं।

तो आप किसका इंतजार कर रहे हैं, अपना ट्रेडिंग खाता खोलें और निवेश पूंजी पर उच्च रिटर्न के डिजिटल ट्रेडिंग में लॉग इन करें।

योजना: एमसीएक्स के वर्चस्व में सेंध लगाने की कोशिश, एनएसई और बीएसई अगले महीने से गोल्ड और सिल्वर में शुरू करेंगे ऑप्शन

सीडीएस में महज 1 प्रतिशत पर बीएसई, आईसीईएक्स और एनएसई का कब्जा था - Dainik Bhaskar

कमोडिटी डेरिवेटिव सेगमेंट में एनएसई और बीएसई अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। इसके तहत अगले महीने से दोनों एक्सचेंज नई शुरुआत करेंगे। एनएसई और बीएसई गोल्ड मिनी जैसी कमोडिटी में ऑप्शन को लांच कर रहे हैं। इसके साथ ही बीएसई चांदी किलो जैसी कमोडिटी लॉन्च करेगी। दोनों की इस योजना से कमोडिटी में वर्चस्व स्थापित कर चुके एमसीएक्स को सीधी टक्कर मिलेगी।
एनएसई 8 जून को, बीएसई एक जून को लांच करेगा

बाजार नियामक सेबी द्वारा बीएसई और एनएसई क्या हैं अप्रूव्ड लिक्विडिटी वृद्धि योजना के तहत एनएसई अपने गोल्ड मिनी कॉन्ट्रैक्ट की बाजार में पेशकश भी करेगा। एनएसई 8 जून को गोल्ड मिनी पर ऑप्शन लांच करेगा। जबकि बीएसई 1 जून से गोल्ड मिनी और सिल्वर किलो कॉन्ट्रैक्ट्स पर ऑप्शन पेश करेगा।दोनों एक्सचेंजों पर लांच इस ऑप्शन का सीधा टक्कर एमसीएक्स के साथ होगा।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज क्या है? इतिहास, उद्देश्य और कार्य

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज क्या है? इतिहास, उद्देश्य और कार्य

दोस्तों, क्या आप जानते है शेयर मार्किट में एनएसई (NSE) क्या है? इसकी आवश्यकता क्यों पड़ा? इसके क्या फायदे है? यह कैसे काम करता है? आईये आज हम इसके विस्तार से जानते है। एनएसई (NSE) भारत का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार है और दुनिया के टॉप 10 शेयर बाजार में से एक है। इसकी स्थापना 1992 में हुआ था और इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय शेयर बाजार में पारदर्शिता लाना है।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई)

एनएसई (NSE) का पूरा नाम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड है यह भारत का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार है और दुनिया के टॉप 10 शेयर बाजार में से एक है। इसकी स्थापना 1992 में हुआ बीएसई और एनएसई क्या हैं था और इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय शेयर बाजार में सरल और पारदर्शी बनाना है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग शेयर बाजार में निवेश कर सके। सन 1994 में एनएसई (NSE) ने पहली बार भारतीय शेयर बाजार में इलेट्रॉनिक ट्रेडिंग की शुरुवात किया।

1992 के प्रसिद्ध घोटाले के बाद, जिसमें एक प्रसिद्ध निवेशक ने भारतीय शेयर बाजार में हेरफेर किया गया था। तब वित्त मंत्रालय ने भारत सरकार तहत, निवेशकों तक शेयर बाजार को आसानी से पहुंचने के उद्देश्य से एनएसई की स्थापना का निर्णय लिया गया था। इसकी संस्था की स्थापना की सिफारिस M.J. शेरवानी समिति ने भी किया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे बड़ा और तकनीकी रूप से एक विकसित स्टॉक एक्सचेंज है। इसकी स्थापना सन 1992 में 25 करोड़ पूँजी के साथ मुंबई में किया गया। एनएसई का प्रमुख सूचकांक, निफ्टी 50 है, इसके अंतर्गत 50 कम्पनियाँ रजिस्टर्ड है। सूचकांक में सम्मिलित कंपनियों का समय-समय का आकलन किया जाता है और पुरानी कंपनियों के स्थान पर वे नयी सर्वोत्तम कम्पनीयों को शामिल किया जाता है | इसका उपयोग निवेशकों द्वारा बड़े पैमाने पर भारत और दुनिया भर में भारतीय पूंजी बाजार के बैरोमीटर के रूप में किया जाता है। एनएसई (NSE) द्वारा 1996 में NIFTY 50 इंडेक्स आरम्भ किया गया था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का उद्देश्य

एनएसई (NSE) के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित है।

  1. सभी निवेशकों को शेयर बाजार में निवेश करने तथा शेयर खरीदने बीएसई और एनएसई क्या हैं और बेचने की सुविधा प्रदान करना |
  2. सभी निवेशक सामान रूप से प्रतिभूति को खरीद और बेच सके।
  3. शेयर बाजार को निष्पक्ष, पारदर्शी और दक्ष बनाना।
  4. ख़रीदे और बेचे गए शेयर को अल्प समय में हस्तानांतरित करना।
  5. प्रतिभूति बाजार को अंतरास्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप स्थापित करना।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के कार्य

दोस्तों ,अब हम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड के कार्य प्रणाली के बारें में विस्तार से जानेंगे।

अगर कोई निवेशक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से शेयर बाज़ार में निवेश करना चाहता है तो सबसे पहले उसको मार्किट आर्डर के द्वारा आर्डर देना होता है , और कंप्यूटर ट्रेडिंग जो एक स्वचालित प्रक्रिया है के माध्यम से आपके आर्डर का मिलान किया जाता है। जब कोई निवेशक मार्किट आर्डर देता है तो उसे एक नंबर दिया जाता है जिसको यूनिट नंबर कहा है। कंप्यूटर ट्रेडिंग में खरीदने और बेचने व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाता है। खरीदने वाले व्यक्ति को बेचने वाले व्यक्ति को कोई जानकारी नहीं रहता है और बेचने वाले व्यक्ति को खरीदने वाले व्यक्ति की कोई जानकारी नहीं रहता है।

जब आपका आर्डर को कोई मिलान नहीं मिलता है तो आर्डर के क्रम को मिलाने के लिए आर्डर सूची से जोड़ा जाता है, और यह प्राइस टाइम (Price time) के प्राथमिकता के आधार पर निर्धारित किया जाता है। सर्वोत्तम मूल्य के आर्डर को पहले प्राथमिकता दिया जाता है और एकसमान मूल्य वाले आर्डर को पहले आर्डर के आधार पर प्राथमिकता दिया जाता है।

4. Nse क्या है ?

Nse भारत का दूसरा सबसे बड़ा stock exchange है और वर्तमान में दुनिया का 10 वा सबसे बड़ा stock exchange है |

Nse की स्थापना सन 1992 में हुई थी तब Nse (securities contract Regulation Act 1956 / सिक्योरिटीज कॉट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट 1956) के तहत सिर्फ एक टैक्स पेइंग कम्पनी (tax paying company) के तोर पर काम करती थी इसके बाद सन 1993 से Nse ने स्टॉक एक्सचेंज के तोर पर काम करना शुरू किया |

Nse के आ जाने से भारत में electronic exchange system की शुरुआत हुई इससे पहले शेयर बाजार का सारा काम पेपर सिस्टम के जरिये ही हुआ करता था लेकिन Nse के आने के बाद से शेयर बाजार इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर आधारित हो गया | जिसकी वजह से एक आम आदमी का शेयर बाजार में निवेश करना काफी आसान हो गया था | अगस्त 2021 के अनुसार Nse का market capitalization 3.4 trillion डॉलर से भी अधिक का हो चूका है |

5. Bse और Nse में कौन सा exchange better है ?

Nse और Bse दोनों में कौन सा exchange आपके लिए better है ? ये पूरी तरह से आप पर डिपेंड करता है की आप किस तरह के इन्वेस्टर या बीएसई और एनएसई क्या हैं ट्रेडर है ?

अगर आप stock Market में नये हो,और investing के viwe से मार्केट में आये हो तो आपके लिए best option है Bse क्योकि Bse में 5000 से ज्यादा कम्पनीज लिस्टेड है जिससे आपको बहुत सी कम्पनीज में पैसा निवेश (invest) करने का मौका मिलेगा |

जबकि Nse उन traders और investors के लिए एक best option हो सकता है जिनको मार्किट का अच्छा अनुभव हो – और बहुत ज्यादा मात्रा (quantity) में day trading जैसे सौदे करते हो | उन के लिए Nse एक best option हो सकता है क्योकि Nse में Bse से ज्यादा liquidity होती है जिसकी day trading में काफी जरूरत होती है |

liquidity का अर्थ होता है ” किसी वस्तु या चीज को कितनी जल्दी ख़रीदा और बेचा जा सकता है उसे हम liquidity कहते है ” अगर किसी वस्तु या चीज में बहुत ज्यादा खरीदी व बिक्री हो तो हम कह सकते है की उसमे अधिक liquidity है और जब किसी वस्तु या चीज में बहुत ज्यादा खरीदी व बिक्री नहीं हो तो हम कह सकते है की उस में कम liquidity है |

Bse (Bombay Stock exchange) और Nse (National Stock Exchange) दोनों मुम्बई में स्थित है |

Bse (Bombay Stock exchange) में वर्तमान में 5000 से भी ज्यादा कम्पनीज लिस्टेड है और Nse (National Stock Exchange) में वर्तमान में 2000 से अधिक कम्पनीज लिस्टेड है |

Equity, currency, and commodity derivatives.

Exchang – traded funds

Inital public offering (IPO)

Equity, currency, and commodity derivatives.

Exchang – traded funds

Inital public offering (IPO)

Security lendig & borrowing scheme

Institutional placement program (IPP)

जबकि Nse का नेटवर्क वर्तमान में 1500 से अधिक शहरो में फैला बीएसई और एनएसई क्या हैं हुआ है |

11. Bse और Nse के chairman कौन है ?

वर्तमान में Bse के Chairman है Vikramajit Sen और Nse के Chairman है Girish Chandra Chaturvedi ..

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So I hope कि आपको समझ में आ गया होगा कि Stock market में NSE और BSE क्या होते है ? तो आपको NSE और BSE पर हमारा ये Article कैसा लगा निचे comments कर के जरूर बताइयेगा ||

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